प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी उड़ीसा और पश्चिम बंगाल के दौरे पर थे। उन्होंने दोनों राज्यों में चक्रवाती तूफान के कारण हुए नुकसान का हवाई सर्वेक्षण किया। इस दौरान मुख्यमंत्रियों से बैठक थी। जिसमें ममता बनर्जी फिर कन्नी काट गई।
प्रधानमंत्री के पश्चिम बंगाल पहुंचने के पहले ही मीडिया में खबरें थीं कि ममता बनर्जी बैठक में सम्मिलित नहीं होंगी। इस बैठक में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी, राज्यपाल जगदीप धनखड़, नेता प्रतिपक्ष सुवेंदु अधिकारी के अलावा संबंधित विभागों के अधिकारियों को सम्मिलित होना था। लेकिन प्रधानमंत्री के सर्वेक्षण के पहले ही खबरें उड़ने लगी कि ममता बनर्जी बैठक में सम्मिलित नहीं होंगी।
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ममता बोलीं, पता ही नहीं बैठक है
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ममता बनर्जी ने कलइकुंडा में भेंट की। इसके बाद मीडिया को संबोधित करते हुए उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री ने दिघा में बैठक बुलाई है, हमें पता ही नहीं था, इसलिए मैं कलइकुंडा में गई और उन्हें रिपोर्ट सौंपी। उनसे तीस हजार करोड़ रुपए की मांग की गई है। जिनसे दिघा और सुंदरबन का विकास किया जाएगा। मैंने उनकी अनुमति ली और वहां से चली आई।
After having review meetings in Hingalganj & Sagar, I met the Hon’ble PM in Kalaikunda & apprised him regarding the post-cyclone situation in WB. The disaster report has been handed over for his perusal. I’ve proceeded now to review the relief & restoration work at Digha.
— Mamata Banerjee (@MamataOfficial) May 28, 2021
क्या बैठक की जानकारी छुपाई गई?
प्रधानमंत्री किसी राज्य में जाते हैं तो उसका पूर्व नियोजन किया जाता है। उसका एक प्रोटोकॉल होता है। इसकी जानकारी संबंधित राज्य को पहले ही दी जाती है। जिस बैठक की जानकारी न होने की बात मुख्यमंत्री ममता बनर्जी कर रही हैं उस बैठक को प्रधानमंत्री कार्यालय से आधिकारिक रूप से मुख्यमंत्री कार्यालय को सूचित किया जाता है।
इस बैठक की जानकारी यदि मुख्यमंत्री को नहीं दी गई तो यह राज्य के प्रशासनिक ढांचे में बड़ी कमी है। जिस पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को तत्काल कार्रवाई करना चाहिए।
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सुवेंदु को न्यौते से बिगड़ी बात
वैसे प्रधानमंत्री के कार्यक्रमों में न जाना या बवाल करना मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का पुराना तरीका है। चक्रवात से हुए नुकसान के सर्वेक्षण और संबंधित मुख्यमंत्रियों से बैठक पहले से ही तय थी। लेकिन ममता के नजदीकी रहे सुवेंदु अधिकारी के भाजपा में जाने से ममता का आक्रोष समाप्त नहीं हुआ है। राजनीतिक सूत्रों के अनुसार सुवेंदु से नंदीग्राम में मिली हार भी मुख्यमंत्री को पच नहीं रही है।
Bengal CM Mamata Banerjee is at her petulant best. Nandigram defeat at the hands of Shri Suvendu Adhikari is still rankling her. Today, when PM reviews damage by Yaas, along with H’ble Governor, central ministers and leader of opposition in WB, she will skip for petty politics…
— Amit Malviya (@amitmalviya) May 28, 2021
जिस राज्य ने विधान सभा चुनाव में ममता बनर्जी को इतना बड़ा जनमत दिया, वहां से अपनी हार को पचाना ममता बनर्जी के लिए बहुत कठिन हो रहा।
प्रधानमंत्री करते रहे इंतजार
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय मंत्री ममता बनर्जी का आधे घंटे इंतजार करते रहे। इसकी एक फोटो भारतीय जानता पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संबित पात्रा ने जारी की है। जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राज्यपाल जगदीप धनखड़, सुवेंदु अधिकारी समेत अन्य लोग दिख रहे हैं लेकिन राज्य सरकार की ओर से कोई नहीं है।
PM,Governor & Central Ministers waited for half an hour for CM & Officials of West Bengal to turn up for the #CycloneYaas review meeting.
Astonishingly despite being in the same premises Mamata Baneerjee & the Cheif Secretary choose to boycott the meeting!#ArrogantMamata pic.twitter.com/2oIo1qo47q— Sambit Patra (@sambitswaraj) May 28, 2021
पीएम ने आर्थिक सहायता की घोषणा की
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ओडिशा और पश्चिम बंगाल के अपने दौरे के तुरंत बाद एक हजार करोड़ रुपए के राहत पैकेज की घोषणा की। इसमें से 500 करोड़ रुपए ओडिशा और 500 करोड़ रुपए पश्चिम बंगाल और झारखंड को क्षति को देखते हुए दिया जाएगा। चक्रवात में प्राण गंवानेवालों के परिजनों को दो लाख रुपए और घायलों को पचास हजार रुपए की सहायता राशि दी जाएगी।
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प्रधानमंत्री ने राज्यों के विकास के प्रति अपनी प्रतिबद्धता व्यक्त की है। चक्रवात से हुए नुकसान के आंकलन के लिए केंद्रीय मंत्री परिषद का एक दल राज्यों में जाएगा और वहां का सर्वेक्षण, अधिकारियों से बैठक करेगा। इन बैठकों के बाद आई रिपोर्ट के अनुसार सहायता की जाएगी।