प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 22 नवंबर को विश्व के नेताओं से मानवता के लिए आतंकवाद और हिंसा के खिलाफ एकजुट होने की अपील की। उन्होंने कहा कि किसी भी संघर्ष में नागरिकों की हत्या पूरी तरह से अस्वीकार्य है। उन्होंने जी-20 वर्चुअल शिखर सम्मेलन में यह सुनिश्चित किए जाने का भी आग्रह किया कि इजरायल-हमास संघर्ष क्षेत्रीय संघर्ष न बने।
प्रधानमंत्री मोदी ने जी-20 के वर्चुअल शिखर सम्मेलन में ग्लोबल साउथ की चिंताओं को आगे रखते हुए इन देशों में डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर के लिए एक सोशल इंपैक्ट फंड तैयार करने का प्रस्ताव रखा और घोषणा की कि भारत इसमें 2.5 करोड़ डॉलर का सहयोग करेगा। सितंबर में दिल्ली में आयोजित जी-20 शिखर सम्मेलन के बाद भारत ने अपनी अध्यक्षता में यह शिखर सम्मेलन आयोजित किया है।
बंधकों को छोड़े जाने का स्वागत
इस दौरान प्रधानमंत्री ने इजरायल हमास संघर्ष में बंधकों को छोड़े जाने की खबरों का स्वागत किया और उम्मीद जताई कि बाकी बचे बंधकों को भी छोड़ा जाएगा। प्रधानमंत्री ने संघर्ष के बीच मानवीय सहायता की आवश्यकता पर बल दिया और शांति के लिए मिलकर काम करने का आह्वान किया। उन्होंने कहा कि आतंकवाद और हिंसा के खिलाफ हमें एक बुलंद आवाज बनना होगा। मानवता की हमसे अपेक्षा है कि हम इस दिशा में कदम से कदम मिलाकर चलें।
ग्लोबल साउथ की चिंताओं को देनी होगी प्राथमिकता
प्रधानमंत्री ने कहा कि हमें ग्लोबल साउथ की चिंताओं को प्राथमिकता देनी होगी। उन्होंने कहा कि वह उन चुनौतियों का सामना कर रहे हैं जिनके लिए वह स्वयं जिम्मेदार नहीं है। उन्होंने इन देशों को सतत विकास लक्ष्यों की प्राप्ति में सहयोग देने की बात कही और उदाहरण के स्वरूप में भारत में लागू की गई आकांक्षी जिला योजना का उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि योजना से 25 करोड़ लोगों का जीवन बदल गया है।
भारत करेगा ‘ग्लोबल एआई पार्टनरशिप समिट’ की मेजबानी
प्रधानमंत्री ने डीप फेक यानी आधुनिक डिजिटल तकनीक की मदद से भ्रामक ऑडियो-वीडियो सामग्री तैयार किए जाने की गंभीरता पर प्रकाश डाला और कहा कि हम चाहते हैं कि एआई लोगों तक पहुंचे और यह समाज के लिए सुरक्षित हो। उन्होंने कहा कि अगले महीने भारत ‘ग्लोबल एआई पार्टनरशिप समिट’ की मेजबानी करेगा। उन्हें आशा है कि इस पहल को सभी का समर्थन मिलेगा। इस दौरान भारत की ओर से की गई ग्रीन क्रेडिट पहल का उल्लेख किया। इसके साथ ही उन्होंने भारत में पारित हुए नारीशक्ति वंदन अधिनियम की जानकारी दी।