प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों उत्तर प्रदेश के पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का उद्घाटन हुआ। इस अवसर पर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी मौजूद थे। 341 किलोमीटर लंबा यह मार्ग लखनऊ से गाजीपुर को जोड़ेगा।
सुल्तानपुर की प्रगति में एक बड़ी सफलता कहा जा सकता है पूर्वांचल एक्सप्रेस वे का निर्माण और लोकार्पण। इसके उद्घाटन का कार्यक्रम सुल्तानपुर में आयोजित किया गया था। जहां प्रधानमंत्री सी-130जे सुपर हरक्युलिस ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट से पहुंचे। इसके पहले 14 और 15 नवंबर को कुरेभार में बनीं हवाई पट्टी पर सेना के युद्धक विमान उतरे थे। यहां 3.2 किलोमीटर लंबी हवाई पट्टी बनाई गई है, जो आपात स्थिति में विमान उतारने व संचालन करने के लिए उपयोगी होगी।
ये भी पढ़ें – पंजाब: विवादों की नवजोत, संगठन और सरकार में अब इस मुद्दे पर तकरार
तीन साल में 341 किलोमीटर
पूर्वांचल एक्सप्रेस वे की आधारशिला प्रधानमंत्री ने तीन साल पहले 14 जुलाई, 2018 को आजमगढ़ में रखी थी। इस पर तत्कालीन समाजवादी पार्टी सरकार की ओर से टिप्पणी भी की गई थी। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भाजपा पर सपा के विकास कार्यों का श्रेय लूटने का आरोप लगाया था।
पूर्वांचल एक्सप्रेस वे की विशेषता
- 341 किलोमीटर का एक्सप्रेस वे
- उत्तर प्रदेश एक्सप्रेस वे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (UPEIDA) के अंतर्गत आता है
- इसके निर्माण पर लगभग 22,500 करोड़ रुपये की लागत
- एक्सप्रेस वे लखनऊ-सुल्तानपुर रोड (एनएच-731) के पास स्थित चंदसराय गांव से शुरू होता है
- यह गाजीपुर जिले में यूपी-बिहार सीमा से 18 किमी दूर गाजीपुर में राष्ट्रीय राजमार्ग 31 पर हैदरिया गांव में समाप्त होता है
- उत्तर प्रदेश का अब तक का सबसे लंबा एक्सप्रेस-वे
- राज्य का पूर्वी क्षेत्र न केवल लखनऊ से बल्कि आगे राष्ट्रीय राजधानी से आगरा-लखनऊ और यमुना एक्सप्रेस वे के माध्यम से जुड़ा
- एक्सप्रेस वे लखनऊ, बाराबंकी, अमेठी, सुल्तानपुर, अयोध्या, अंबेडकर नगर, आजमगढ़, मऊ और गाजीपुर जिलों को जोड़ता है, राज्य के सभी कोनों को भविष्य के लिए तैयार सड़क संपर्क प्रदान करेगा पहले से खुला दिल्ली-मेरठ लिंक एक्सप्रेसवे (96 किमी), बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे (296 किमी), गोरखपुर लिंक एक्सप्रेसवे (92 किमी), गंगा एक्सप्रेसवे (600 किमी), लखनऊ कानपुर एलिवेटेड नेशनल एक्सप्रेसवे (63 किमी) शामिल है
- पूर्वांचल एक्सप्रेस वे से उत्तर प्रदेश के पूर्वी हिस्सों के आर्थिक विकास को गति मिलेगी।
- एक्सेस-नियंत्रित एक्सप्रेस वे यात्रियों को ईंधन और समय बचाने और प्रदूषण के स्तर को नियंत्रित करने के साथ-साथ कम दुर्घटनाओं में मदद करेगा
- यह पूरी तरह से नियंत्रित छह लेन वाला एक्सप्रेस वे है
- इसे आठ लेन में अपग्रेड किया जा सकता है
- इसमें 22 फ्लाईओवर, 7 रेलवे-ओवर-ब्रिज (आरओबी), 7 प्रमुख पुल, 114 छोटे पुल, 6 टोल प्लाजा, 45 वाहन-अंडरपास (वीयूपी), 139 लाइट वीयूपी, 87 पैदल यात्री अंडरपास और 525 बॉक्स पुलिया हैं
- नए एक्सप्रेसवे में वाहनों के लिए सीएनजी स्टेशन, इलेक्ट्रिक रिचार्ज स्टेशन भी होंगे और इसे आगरा और बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के माध्यम से रक्षा गलियारे से जोड़ा जाएगा।
Join Our WhatsApp Community