पीएम-डीएम में सीधी बात: 10 राज्यों के 54 जिले से सवांद में यह हुई चर्चा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 मई को देश भर के 54 जिलों के साथ संवाद साधा। इस दौरान उन्होंने वैक्सीन के उपयोग पर जोर देते हुए कहा कि एक भी वैक्सीन बर्बाद नहीं होना चाहिए।

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देश में कोरोना संक्रमण की स्थिति को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 मई को देश भर के 54 जिलों के साथ संवाद साधा। उन्होंने सबसे ज्यादा कोरोना प्रभावित, देश के इन जिलों के डीएम के साथ वर्चुअल बैठक की। इस बैठक में इन जिलों में कोरोना की ताजा स्थिति और उन पर नियंत्रण पर चर्चा की गई। इसमें 10 राज्यों छत्तीसगढ़, हरियाणा, केरल, महाराष्ट्र, ओडिशा, पुडुचेरी, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और आंध्र प्रदेश के डीएम और फील्ड अधिकारियों के साथ चर्चा की।

इस चर्चा के दौरान पीएम ने कहा कि कोरोना वायरस ने आपके काम को और अधिक मांग और चुनौतीपूर्ण बना दिया है। स्थानीय अनुभवों के उपयोग ऐसे समय में काफी महत्वपूर्ण हो जता है और हमें एक देश के रुप में मिलकर काम करने की आवश्यकता है। उन्होंंने कोरोना से बचाव के लिए वैक्सीनेशन पर जोर देते हुए कहा कि एक वैक्सीन से एक व्यक्ति की जान बच सकती है। इसलिए एक भी वैक्सीन बर्बाद नही होना चाहिए।

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संवाद की खास बातें

  • जीवन बचाने के साथ-साथ हमारी प्राथमिकता जीवन को आसान बनाए रखने की भी है।
  • गरीबों के लिए मुफ्त राशन की सुविधा हो, दूसरी आवश्यक सप्लाई हो, कालाबाजारी पर रोक हो, ये सब इस लड़ाई को जीतने के लिए भी जरूरी हैं, और आगे बढ़ने के लिए भी आवश्यक हैं।
  • एक विषय वैक्सीन वेस्टेज का भी है। एक भी वैक्सीन की वेस्टेज का मतलब है, किसी एक जीवन को जरूरी सुरक्षा कवच नहीं दे पाना। इसलिए वैक्सीन वेस्टेज रोकना जरूरी है।
  • पिछली महामारियां हों या फिर ये समय, हर महामारी ने हमें एक बात सिखाई है। फील्ड में किए गए आपके कार्यों से, आपके अनुभवों और फीडबैक्स से ही प्रायोगिक और प्रभावशाली नीति बनाने में मदद मिलती है।
  • टीकाकरण की रणनीति में भी हर स्तर पर राज्यों और अनेक स्टेकहोल्डर से मिलने वाले सुझावों को शामिल करके आगे बढ़ाया जा रहा है।
  • बीते कुछ समय से देश में एक्टिव केस कम होना शुरू हुए हैं। लेकिन आपने इन डेढ़ सालों में ये अनुभव किया है कि जब तक ये संक्रमण माइनर स्केल पर भी मौजूद है, तब तक चुनौती बनी रहती है।
  • पिछली महामारियां हों या फिर ये समय, हर महामारी ने हमें एक बात सिखाई है। महामारी से डील करने के हमारे तौर-तरीकों में निरंतर बदलाव, निरंतर सुधार बहुत जरूरी है।
  • ये वायरस म्यूटेशन, स्वरूप बदलने में माहिर है, तो हमारे तरीके और रणनीति में भी बदलाव जरुरी है।
  • दूसरी लहर के बीच वायरस म्यटेशन के कारण अब युवाओं और बच्चों के लिए ज्यादा चिंता जताई जा रही है। आपने जिस तरह से फील्ड पर काम किया है, इसने इस चिंता को गंभीर होने से रोकने मदद तो की है, लेकिन हमें आगे के लिए तैयार रहना ही होगा।

18 मई को की थी 46 जिलाधिकारियों से चर्चा
बता दें कि इससे पहले उन्होंने 18 मई को भी पीएम ने 9 राज्यों के 46 डीएम के साथ बैठक की थी। कोरोना संक्रमण के दौरान उन्होंने पहली बार इस तरह के संवाद स्थापित करना शुरू किया है

ममता बनर्जी भी हुईं शामिल
इस बैठक की खास बात यह रही कि इसमें पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ ही प्रदेश के मुख्य सचिव, स्वास्थ्य सचिव और नौ जिलों के डीएम भी शामिल हुए।

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