प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल में मंत्रिमंडल का पहला और सबसे बड़ा विस्तार किया। इसमें 43 मंत्रियों ने शपथ ली। इस शपथ विधि में महाराष्ट्र से नारायण राणे का नाम सबसे आगे रहा। इसके बाद सर्बानंद सोनोवाल, ज्योतिरादित्य सिंधिया समेत 43 नए मंत्रियों ने शपथ ली। लेकिन, इस शपथ विधि के पहले ही मोदी कैबिनेट के बड़े मंत्रियों चेहरों ने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया।
सरकार के कद्दावर मंत्री रविशंकर प्रसाद, प्रकाश जावडेकर और डॉ.हर्षवर्धन, थावरचंद गहलोत ने अपने पद से त्यागपत्र दे दिया। इन त्यागपत्रों से आश्चर्य व्यक्त होना स्वाभाविक है। ये वो चेहरे हैं जिन्होंने भारतीय जनता पार्टी को विपक्ष से सत्तापक्ष के रूप में स्थापित करने के लिए कड़ी मेहनत की थी।
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सामाजिक तानेबाने का समन्वय नया मंत्री परिषद?
मोदी सरकार के नए कैबिनेट में समाज के सभी वर्गों को प्रतिनिधित्व देने का प्रयत्न किया गया है। इसमें क्षेत्रीय राजनीति का भी ध्यान रखा गया है। महाराष्ट्र से कैबिनेट मंत्री के रूप में सम्मिलित किये गए नारायण राणे कोकण क्षेत्र में अपना कद रखते हैं साथ ही शिवसेना से निपटने के लिए उनके अनुभव का उपयोग पार्टी को सफलता की ओर ले जा सकता है। इसी प्रकार चुनावी राज्य उत्तर प्रदेश की भी है जहां अगले छह महीनों बाद चुनाव होने हैं। वहां से सात मंत्री कैबिनेट में सम्मिलित किये गए हैं।
- नारायण राणे
- सर्बानंद सोनोवाल
- ज्योतिरादित्य सिंधिया
- डॉ. वीरेंद्र कुमार
- आरपी सिंह
- अश्विनी वैष्णव
- पाशुपति कुमार पारस
- किरन रिजिजू
- राजकुमार सिंह
- हरदीप सिंह पुरी
- मनसुख मंडाविया
- भूपेंद्र यादव
- पुरुषोत्तम रूपाला
- जी किशन रेड्डी
- अनुराग ठाकुर
- पंकज चौधरी
- अनुप्रिया सिंह पटेल
- सत्यपाल सिंह बघेल
- राजीव चंद्रशेखर
- शोभा करंदलजे
- भानुप्रताप सिंह वर्मा
- दर्शना विक्रम जरदोश
- मिनाक्षी लेखी
- अन्नपूर्णा देवी
- ए.नारायणस्वामी
- कौशल किशोर
- अजय भट्ट
- बीएल वर्मा
- अजय कुमार मिश्रा
- चौहान देवूसिंह
- भगवंत खुबा
- कपिल मोरेश्वर पाटिल
- प्रतिमा भौमिक
- सुभाष सरकार
- डॉ.भागवत किशनराव कराड
- राजकुमार रंजन सिंह
- डॉ.भारती प्रवीण पवार
- बिश्वेश्वर टुडू
- शांतनु ठाकुर
- मुंजापारा महेंद्रभाई
- जॉन बारला
- एल मुरुगन
- निसिथ प्रमाणिक
इस मंत्रिमंडल में सम्मिलित कई मंत्रियों को प्रोन्नति दी गई है
- अनुराग ठाकुर
- किरण रिजिजू
- हरदीप सिंह पुरी
- मनसुख मांडविया
- पुरुषोत्तम रुपाला
सुशील को यहां भी ‘ना’
बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी को अबकी केंद्रीय मंत्रिमंडल में भी जगह नहीं मिली है। इसके पहले बिहार विधान सभा का टिकट भी उन्हें नहीं दिया गया था। परंतु, उन्हें राज्यसभा का सांसद बनाए जाने के बाद संभावना व्यक्त की जा रही थी कि केंद्रीय मंत्रिमंडल में उनको स्थान मिल सकता है। उनका नाम अंतिम समय तक तय माना जा रहा था।
त्याग या त्यागपत्र?
केंद्रीय कैबिनेट मंत्रियों के त्यागपत्रों के बाद कई नामों को लेकर एक प्रश्न उठा कि क्या वह त्यागपत्र है या त्याग? इसकी सूची भी इस बात की प्रमाण है। एक ओर रविशंकर प्रसाद जैसे शीर्ष मंत्री और दूसरी ओर प्राताप चंद सारंगी का त्यागपत्र।
- रविशंकर प्रसाद – कानून और न्याय, और इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी और संचार मंत्री
- डीवी सदानंद गौड़ा – रसायन और उर्वरक मंत्री
- थावरचंद गहलोत – सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्री
- रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ – शिक्षा मंत्री
- डॉ हर्षवर्धन – विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री और पृथ्वी विज्ञान मंत्री
- प्रकाश जावड़ेकर – पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री, सूचना और प्रसारण मंत्री, और भारी उद्योग और सार्वजनिक उद्यम मंत्री
- संतोष कुमार गंगवार – श्रम और रोजगार मंत्रालय में स्वतंत्र प्रभार राज्य मंत्री
- बाबुल सुप्रियो – पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन राज्य मंत्री
- धोत्रे संजय शामराव – शिक्षा राज्य मंत्री
- रतन लाल कटारिया – जल शक्ति और सामाजिक न्याय और अधिकारिता राज्य मंत्री
- प्रताप चंद्र सारंगी – पशुपालन, डेयरी और मत्स्य पालन, और सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम राज्य मंत्री
- सुश्री देबाश्री चौधरी – महिला एवं बाल विकास राज्य मंत्री