प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से वाराणसी के डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों से बात की। उन्होंने इस दौरान कहा कि मैं काशी का सेवक होने के नाते सभी काशीवासियों का हृदय से धन्यवाद देता हूं। पीएम ने कहा कि हमारे डॉक्टर्स, नर्सेज, वार्ड बॉयज और एंबुलेंस ड्राइवर्स ने जो काम किया, वो वाकई सराहनीय है।
पीम कोरोना महामारी की चपेट में आकर अपनी जान गंवानेवालं लोगों को श्रद्धांजलि देते हुए भावुक हो गए। उन्होंने कहा कि हमने इस महामारी में कई अपनों को खोया है, उन सभी को श्रद्धांजलि। इस दौरान वे भावुक हो गए।
वैक्सीन की सुरक्षा से काफी हद तक हमारे फ्रंटलाइन वर्कर्स सुरक्षित रहकर लोगों की सेवा कर पाए हैं।
हमें अपनी बारी आने पर वैक्सीन जरूर लगवानी है। कोरोना के खिलाफ हमारी लड़ाई एक सामूहिक अभियान बन गई है।
वैसे ही टीकाकरण को भी हमें सामूहिक जिम्मेदारी बनाना है।
– पीएम @narendramodi pic.twitter.com/hIgOSSAGQI
— BJP (@BJP4India) May 21, 2021
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खास बातें
- आपके तप ने, और हम सबके साझा प्रयासों ने महामारी के इस हमले को काफी हद तक संभाला है। लेकिन अभी संतोष का समय नहीं है, हमें अभी एक लंबी लड़ाई लड़नी है।
- आप सभी ने एक-एक मरीज की जीवन रक्षा के लिए दिन-रात काम किया। खुद की तकलीफ, आराम इन सबसे ऊपर उठकर जी-जान से काम करते रहे।
- अभी हमें बनारस और पूर्वांचल के ग्रामीण इलाकों पर बहुत ध्यान देना है। साथ ही लगातार आंकड़ों और स्थितियों पर भी नजर रखनी है।
- दूसरी लहर के दौरान प्रशासन ने जो तैयारियां की हैं, उन्हें केस घटने के बाद भी हमें ऐसे ही चुस्त दुरुस्त रखना है
- कोरोना की दूसरी लहर में हमने वैक्सीन की सुरक्षा को भी देखा है। वैक्सीन की सुरक्षा के चलते काफी हद तक हमारे फ्रंट लाइन वर्कर्स सुरक्षित रहकर लोगों की सेवा कर पाए हैं।
- यही सुरक्षा कवच आने वाले समय में हर व्यक्ति तक पहुंचेगा। कोविड के खिलाफ गांवों में चल रही लड़ाई में आशा और एएनएम बहनों की भी भूमिका बहुत अहम है। मैं चाहूंगा कि इनकी क्षमता और अनुभव का भी ज्यादा से ज्यादा लाभ लिया जाए
- हमारा नया मंत्र है ‘जहां बीमार वहीं उपचार’। इस सिद्धांत पर माइक्रो-कंटेनमेंट जोन बनाकर जिस तरह आप शहर एवं गावों में घर घर दवाएं बांट रहे हैं, ये बहुत अच्छी पहल है। इस अभियान को ग्रामीण इलाकों में जितना हो सके, उतना व्यापक करना है।
- हमारी इस लड़ाई में इन दिनों ब्लैक फंगस की एक और नई चुनौती भी सामने आई है। इससे निपटने के लिए जरूरी सावधानी और व्यवस्था पर ध्यान देना जरूरी है।
- जिस स्पीड से इतने कम समय में ऑक्सीजन और आईसीयू बेड्स की संख्या कई गुना बढ़ाई है, जिस तरह से इतनी जल्दी पंडित राजन मिश्र कोविड अस्पताल को सक्रिय किया है, ये भी अपने आप में एक उदाहरण है।