प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 125वीं जयंती के अवसर पर इंडिया गेट पर उनकी होलोग्राम प्रतिमा का अनावरण करते हुये कहा कि नेताजी की प्रतिमा आने वाली पीढ़ियों को प्रेरित करती रहेगी।
प्रधानमंत्री ने भारत मां के वीर सपूत नेताजी सुभाष चंद्र बोस को पूरे देश की तरफ से नमन करते हुए कहा कि जिन्होंने भारत की धरती पर पहली आजाद सरकार को स्थापित किया था, हमारे उन नेताजी की भव्य प्रतिमा आज डिजिटल स्वरूप में इंडिया गेट के समीप स्थापित हो रही है। उन्होंने कहा कि जल्द ही इस होलोग्राम प्रतिमा के स्थान पर ग्रेनाइट की विशाल प्रतिमा भी लगेगी।
होलोग्राम प्रतिमा है विशेष
उल्लेखनीय है कि होलोग्राम प्रतिमा को 30,000 लुमेन 4के प्रोजेक्टर द्वारा संचालित किया जाएगा। एक अदृश्य, हाई गेन, 90 प्रतिशत पारदर्शी होलोग्राफिक स्क्रीन इस तरह से लगाई गई है कि यह आगंतुकों को नजर नहीं आ रही है। होलोग्राम का सटीक प्रभाव उत्पन्न करने के लिए उस पर नेताजी की थ्रीडी तस्वीर लगाई जाएगी। होलोग्राम प्रतिमा 28 फीट ऊंची और 6 फीट चौड़ी है। इस कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री ने वर्ष 2019, 2020, 2021 और 2022 के लिए ‘सुभाष चंद्र बोस आपदा प्रबंधन पुरस्कार’भी प्रदान किया। समारोह के दौरान कुल मिलाकर सात पुरस्कार प्रदान किये गये।
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पिछली सरकारों पर साधा निशाना
प्रधानमंत्री ने आपदा प्रबंधन को लेकर पिछली सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा कि वर्षों तक आपदा का विषय कृषि विभाग के पास था। इसका मूल कारण यह था कि बाढ़, अतिवृष्टि, ओले गिरना, इनसे बनी स्थितियों से निपटने का जिम्मा कृषि मंत्रालय के पास था। देश में आपदा प्रबंधन ऐसे ही चल रहा था। लेकिन 2001 में गुजरात में भूकंप आने के बाद जो कुछ हुआ, उसने आपदा प्रबंधन के मायने बदल दिए। हमने तमाम विभागों और मंत्रालयों को राहत और बचाव के काम में झोंक दिया। उस समय के जो अनुभव थे, उससे सीखते हुए ही 2003 में गुजरात राज्य आपदा प्रबंधन अधिनियम बनाया गया।