Delhi: शीशमहल पर मिले महंगे आरामदायक संसाधनों का मामला, केजरीवाल पर शिकंजा कसने की तैयारी

पीडब्ल्यूडी द्वारा 2022 में जो सामान बंगले में उपलब्ध करवाया था और 2024 में केजरीवाल द्वारा बंगला खाली किये जाने के बाद पीडब्ल्यूडी ने जब इन्वेंटरी की लिस्ट बनाई तो पाया कि वहां उपलब्ध सामान उनके द्वारा उपलब्ध करवाये गए सामान से बहुत ज्यादा था।

47

Delhi: दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजेंद्र गुप्ता द्वारा दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के सरकारी आवास 6, फ्लैग स्टाफ रोड में अनेक महंगी और लग्जरी आइटम्स मिलने के मामले में उच्चस्तरीय जांच करवाने के लिए 20 नवंबर को दिल्ली के उपराज्यपाल को लिखे गये पत्र पर संज्ञान लेते हुए उपराज्यपाल ने छह दिसंबर को इस मामले की जांच के लिए दिल्ली के विजिलेंस विभाग को आदेश दिए थे। इस पर कार्रवाई करते हुए उसने लोक निर्माण विभाग के प्रमुख सचिव को जांच करने के लिए कहा है ।

लोक निर्माण विभाग को आदेश
विजिलेंस विभाग ने अपने आदेश में लोक निर्माण विभाग को जिन-चार मुद्दों पर जांच कर पांच दिन के अंदर अपनी रिपोर्ट देने के लिए कहा है, उनमें पहला- केजरीवाल के आवास पर आरामदायक संसाधन किसने उपलब्ध करवाये थे, उसका पता लगाया जाए? दूसरा- क्या इन संसाधनों के एवज में किसी व्यक्ति को लाभ पहुंचाया गया? तीसरा- क्या इन संसाधनों से पब्लिक फंड पर कोई प्रभाव पड़ा और क्या इस प्रक्रिया में किसी सरकारी प्रोटोकॉल या नियमों का उल्लंघन किया गया और चौथा इस मामले से जुड़ी अन्य कोई ऐसी प्रासंगिक जानकारी जिससे इस मामले की जांच में सहयोग मिल सके?

लग्जरी और महंगी टायलेट सीट्स
विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि पीडब्ल्यूडी द्वारा 2022 में जो सामान बंगले में उपलब्ध करवाया था और 2024 में केजरीवाल द्वारा बंगला खाली किये जाने के बाद पीडब्ल्यूडी ने जब इन्वेंटरी की लिस्ट बनाई तो पाया कि वहां उपलब्ध सामान उनके द्वारा उपलब्ध करवाये गए सामान से बहुत ज्यादा था। लग्जरी और महंगी टायलेट सीट्स से लेकर महंगे वाश बेसिन तक, रिक्लाइनिंग सोफों से लेकर महंगे पर्दों तक, महंगे गलीचों से लेकर बेशकीमती टीवी सेट्स और रेफ्रिजरेटर तक जैसे सामान ज्यादा थे, जिन्हें पीडब्ल्यूडी ने उपलब्ध नहीं करवाया था।

नई शराब नीति से लाभ पहुंचाने का आरोप
गुप्ता ने कहा कि 2022 में जारी पीडब्ल्यूडी के दस्तावेज बताते हैं कि 2022 के बाद उन्होंने शीश महल में कोई सामान उपलब्ध नहीं करवाया। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि 2022 से लेकर 2024 तक केजरीवाल ने जिन लोगों को अपनी नई शराब नीति से लाभ पहुंचाया, उनके संसाधनों पर ही राजमहल जैसी सुविधाओं का उपभोग किया।

विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि भाजपा ने 12-12 लाख के जिन टॉयलेट कमोड का खुलासा किया था, वो लाखों की नहीं बल्कि करोड़ों रुपयों की रिश्वत से बनवाए गए थे, क्योंकि इस भव्य शौचालय में सोने की परत वाली टॉयलेट और वॉश बेसिन तक लगी हुई थी।

गुप्ता ने पूछा कि आखिर कौन थे वो लोग, जिन्होंने इतना ऐशो आराम उपलब्ध करवाया और केजरीवाल ने इसके बदले में उन लोगों को क्या क्या फायदा पहुंचाया, इन सबकी जांच होनी चाहिए।

Ahilyabai Holkar’s 300th Anniversary: मंदिरों में बनाई गई मस्जिदों को लेकर उदयराजे होलकर ने मुसलमानों को दी यह सलाह, क्या मानेंगे?

की थी उच्चस्तरीय जांच की मांग
उपराज्यपाल को लिखे पत्र में विजेंद्र गुप्ता ने इस पूरे प्रकरण की उच्चस्तरीय जांच की मांग की थी, ताकि खुद को ‘कट्टर ईमानदार’ और ‘आम’ आदमी कहने वाले अरविंद केजरीवाल की सच्चाई जनता के सामने आ सके और पिछले दस साल में आम आदमी पार्टी सरकार द्वारा किये गये भ्रष्टाचार के खुलासे से दिल्ली के दो करोड़ लोग भी परिचित हो सकें ।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.