पुणे के आंबिल ओढ़ा क्षेत्र के रहिवासियों में आक्रोश! जानिये, क्या है मामला

पुणे शहर में तोड़क कार्रवाई के दौरान स्थानीय रहिवासी और महानगरपालिका के अधिकारी-कर्मचारी आमने-सामने आ गए। लेकिन घटनास्थल पर उपस्थित पुलिस के कारण कोई बड़ी अप्रिय घटना नहीं घटी।

138

महाराष्ट्र के पुणे शहर में 24 जून को आंबिल ओढ़ा क्षेत्र में निर्मित घरों पर तोड़क कार्रवाई शुरू की गई। हालांकि महानगरपालिका द्वारा की गई इस तोड़क कार्रवाई का वहां के निवासियों ने जोरदार विरोध किया। इसे लेकर पुलिस और स्थानीय निवासी आमने-सामने दिखे, हालांकि किसी तरह की अप्रिय घटना नहीं घटी। इस बीच न्यायालय ने क्षेत्र में तनाव को देखते हुए तोड़क कार्रवाई पर 7 जुलाई तक रोक लगा दी है।

रहिवासियों का आरोप
बता दें कि पुणे शहर में आंबिल ओढ़ा क्षेत्र कात्रज तालाब से शुरू होता है। इस क्षेत्र में झोपड़पट्टी पुनर्वास परियोजना के तहत नई इमारत बनाने की घोषणा की गई है। लेकिन नागरिकों का आरोप है कि पुणे महानगरपालिका नदी के प्राकृतिक बहाव को बदलने की कोशिश कर रही है। उनका कहना है कि तोड़क कार्रवाई भूखंड को बिल्डर को बेचे जाने की साजिश का हिस्सा है। यहां के रहिवासियों के विरोध के कारण क्षेत्र में तनाव काफी बढ़ गया था। कुछ लोगों ने अपने ऊपर मिट्टी का तेल डालकर खुद को जलाने का भी प्रयास किया। लेकिन घटनास्थल पर उपस्थित पुलिस ने उन्हें ऐसा करने से रोक दियाा। फिलहाल क्षेत्र में तनाव को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था बढ़ा दी गई है।

ये भी पढ़ेंः फिर सामने आया ‘महबूबा’ का पाक प्रेम! डोगरा फ्रंट ने प्रदर्शन कर की जेल में डालने की मांग

गरमा गई राजनीति
स्थानीय लोगों का आरोप है कि बिना किसी पूर्व सूचना के यह कार्रवाई की गई, जबकि प्रशासन का कहना है कि नोटिस भेजने के बाद ही कार्रवाई की गई है। मानसून के दौरान इस तरह से घरों को तोड़े जाने से राजनीति गरमा गई है। विपक्षी नेताओं ने जहां इस कार्रवाई का विरोध किया है, वहीं प्रशासनिक अधिकारियों का कहना है कि आंबिल ओढा क्षेत्र में लोगों के अनधिकृत निर्माण की वजह से नालों का प्रवाह बंद हो गया है।

ये भी पढ़ेंः अब ओबीसी का चक्काजाम… भाजपा का आरोप ‘वो’ चुनाव अयोग्य

ठेकेदार ने नहीं किया कार्य
बता दें कि पुणे मनपा द्वारा आंबिल नदी की सफाई के कार्य के लिए निविदा प्रक्रिया के माध्यम से 300 करोड़ रुपये की योजना तैयार की गई थी। पुणे में भारी बारिश के कारण आई बाढ़ से आंबिल नदी बुरी तरह प्रभावित हुई है। पुणे मनपा ने इसकी दीवारों के निर्माण के लिए एक निविदा जारी करने का निर्णय लिया था ताकि बाढ़ के कारण आसपास की बस्तियों या जानमाल को नुकसान न पहुंचे। जिस ठेकेदार ने पहली बार टेंडर प्रक्रिया के माध्यम से काम शुरू किया था, उसने वर्क ऑर्डर लेने के बाद भी पांच महीने से काम शुरू नहीं किया। यहां तक कि मनपा द्वारा ठेकेदार को नोटिस जारी करने के बाद भी काम शुरू नहीं हुआ। इसलिए मनपा ने उसका टेंडर रद्द कर दोबारा टेंडर की प्रक्रिया शुरू की। इस बीच पहले ठेकेदार के न्यायालय में जाने के बाद विवाद खड़ा हो गया। हालांकि न्यायालय ने दूसरे ठेकेदार को विकास योजना के अनुसार आंबिल ओढ़ा के सुरक्षित प्रवाह के लिए काम जारी रखने का आदेश दिया।

Join Our WhatsApp Community

Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.