Punjab में आम आदमी पार्टी सरकार के पीछे पड़ गई कांग्रेस, यहां भी केजरीवाल की नाक में दम

कांग्रेस पार्टी के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने आरोप लगाया है कि आम आदमी पार्टी के शासन में हवाला के जरिए हजारों करोड़ रुपए ऑस्ट्रेलिया और दूसरे राज्यों में गए हैं। यह पैसा शराब और भूमि उपयोग परिवर्तन से आया है।

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Punjab में आम आदमी पार्टी(Aam Aadmi Party) और कांग्रेस(Congress) के बीच दोस्ती दुश्मनी में बदल चुकी है । कांग्रेस को सत्ता से हटाकर आम आदमी पार्टी ने पंजाब में अपनी सरकार बनाई थी । लेकिन आप पार्टी की सरकार की स्थिरता हिचकोले खाने लगी है। आम आदमी पार्टी की सरकार को लेकर पंजाब में विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा(Leader of Opposition Pratap Singh Bajwa) ने कहा है कि भगवंत मान सरकार(Bhagwant Mann Government) किसी भी समय गिर सकती है। ‌उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी के 32 से ज्यादा विधायक उनके संपर्क में हैं और कुछ अन्य विधायक भाजपा के संपर्क में हो सकते हैं।

आम आदमी पार्टी का दिल्ली मॉडल लूट का मॉडल
कांग्रेस पार्टी के नेता प्रताप सिंह बाजवा ने आरोप लगाया है कि आम आदमी पार्टी के शासन में हवाला के जरिए हजारों करोड़ रुपए ऑस्ट्रेलिया और दूसरे राज्यों में गए हैं। यह पैसा शराब और भूमि उपयोग परिवर्तन से आया है। प्रताप सिंह बाजवा कहते हैं की दिल्ली मॉडल ऐसा है कि इसमें लूटपाट करने वाले विशेषज्ञ आ जाते हैं। पंजाब में भ्रष्टाचार के मामले बढ़ते जा रहे है ।

दिल्ली की हार के बाद पंजाब में भी सरकार पर खतरा
पंजाब विधानसभा में कुल 117 सीटें हैं। 2022 के विधानसभा चुनाव में, आप पार्टी ने 92 सीटों पर जीत हासिल की थी। ‌ कांग्रेस पार्टी को 18 सीटें मिली, जबकि शिरोमणि अकाली दल को 3 , भाजपा को 2 और बहुजन समाजवादी पार्टी को एक सीट मिली । हालांकि आम आदमी पार्टी के पास पूरा बहुमत है। ‌ लेकिन दिल्ली में चुनाव हारने के बाद आम आदमी पार्टी का मनोबल टूट गया है। ‌ सूत्रों का कहना है कि भगवंत मान को मुख्यमंत्री बनाने से कई वरिष्ठ नेता नाराज बताए जाते हैं। कांग्रेस भी आम आदमी पार्टी को पंजाब से हटाना चाहती है। ‌ इसलिए कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आम आदमी पार्टी के विधायकों के अपने संपर्क में होने का दावा करते हैं।

दिल्ली की हार ने आम आदमी पार्टी के विस्तार को दिया झटका
पंजाब में आम आदमी पार्टी की हार का सबसे अधिक फायदा कांग्रेस को होने की संभावना है, जिससे वह पुराने परंपरागत मुस्लिम और दलित मतदाताओं को आसानी से साध सकेगी। दिल्ली में हार के बाद आम आदमी पार्टी को संसाधन जुटाने पर भी असर पड़ रहा है।

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केजरीवाल की लीडरशिप पर सवाल
दिल्ली में पार्टी की हार के बाद अरविंद केजरीवाल की लीडरशिप पर सवाल खड़े हो गए हैं। ‌ चर्चा है कि अरविंद केजरीवाल अपनी राजनीति का फोकस पंजाब पर कर रहे हैं। ‌ इसलिए भगवंत मान सरकार की स्थिरता पर भी प्रभाव पड़ रहा है। पंजाब के कई आप पार्टी के विधायक सत्ता के प्रभाव से जुड़े हो सकते हैं । सबसे बड़ा सवाल यह है कि पंजाब सरकार ने महिलाओं के खाते में पैसा डालने का वादा भी पूरा नहीं किया है। ‌इसको लेकर पंजाब की जनता में रोष बढ़ रहा है ।

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