Punjab Politics: अमृतसर (Amritsar) में दरबार साहिब (Darbar Sahib) के बाहर अकाली दल के पूर्व प्रधान (former Akali Dal chief) सुखबीर बादल (Sukhbir Badal) पर फायरिंग (firing) की घटना के बाद भगवंत मान सरकार (Bhagwant Mann government) कानून व्यवस्था के मुद्दे (law and order issues) पर घिर गई है। नशे का कारोबार पंजाब में थमने का नाम नहीं ले रहा है। सीमा पार से नशे का कारोबार बेरोकटोक चल रहा है।
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पंजाब में सुरक्षा व्यवस्था को लेकर खड़े हुए सवाल
अमृतसर में दरबार साहिब के बाहर अकाली दल के पूर्व प्रधान और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखबीर बादल पर फायरिंग की घटना के बाद भाजपा, कांग्रेस ने आम आदमी पार्टी सरकार पर हमले तेज कर दिए हैं। जेड प्लस सुरक्षा वाले एक पूर्व उपमुख्यमंत्री पर पुलिस की मौजूदगी में हुए हमले ने पंजाब की कानून व्यवस्था की पोल खोल दी है। विपक्षी दलों ने इस पूरे मामले की सीबीआई से जांच करने की मांग की है।
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विदेशी सांठगांठ
पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार पर विदेशी सांठगांठ के आरोप लगते रहे हैं। दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर खालिस्तानियों का सहयोग लेने के आरोप लगते रहे हैं। पंजाब में कट्टरपंथी लगातार पैर पसार रहे है। लोकसभा चुनाव में अमृत पाल सिंह और सरबजीत सिंह जैसे लोगों का लोकसभा चुनाव में जितना इसी तरफ इशारा करता है। पंजाब में पनप रहे गैंगस्टर, फिरौती के धंधे ,नशे के व्यापार आदि कई तरह की अपराधी गतिविधियों के लिए यह अलगाववादी प्रत्यक्ष परोक्ष रूप से जिम्मेदार है। अमेरिका और कनाडा में बैठे खालिस्तान समर्थक सोशल मीडिया पर सरेआम धमकी देते हैं।
पंजाब के अमन चैन को कौन बिगाड़ रहा है?
पंजाब में एक कहावत प्रसिद्ध है की ‘आ गए निहंग- बूहे खोल दयो निसंग’ इसका अर्थ है कि निहंग आ गए हैं, अपने-अपने घरों के दरवाजे खोल दो। पंजाब में यह कहावत मुगलों के काल से प्रसिद्ध है। जब मुगल शासकों के अत्याचार से निहंगों ने लोहा लिया था। लेकिन मौजूदा दौर में पंजाब में निहंगों की खूनी झड़प अखबारों की सुर्खियां बनती है। गुरु गोविंद सिंह महाराज की गौरवशाली परंपरा के वाहक रहे पंजाब को एक बार फिर आतंकी आग में झोंकने के प्रयास हो रहे हैं।
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विदेशों से मिल रही है सहायता
सर्वविदित है कि खालिस्तान समर्थक कट्टरपंथी संगठनों को विदेशों से बड़ी मात्रा में सहायता मिल रही है। किसान आंदोलन के समय भी पंजाब के किसानों के दिल्ली की बॉर्डर पर चले महीना के प्रदर्शनों में इन्हीं भारत विरोधी शक्तियों ने करोड़ों रुपए की सहायता भेजी थी। सिख फॉर जस्टिस के नेता पन्नू के पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन से संबंध है। हैरानी की बात है कि पंजाब में आम आदमी पार्टी सरकार आने के बाद ही वहां अलगाववादी तत्व क्यों सक्रिय हो जाते है ?
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