Punjab Politics: फिर अशांत पंजाब, देश मांगे जवाब!

कानून व्यवस्था को लेकर भी विपक्षी दल सवाल खड़े कर रहे हैं। खालिस्तान समर्थकों ने फिलहाल देशविरोधी गतिविधियां बढ़ा दी हैं।

74

-नरेश वत्स

Punjab Politics: पंजाब (Punjab) जम्मू कश्मीर (Jammu Kashmir) की तरह अशांत होता जा रहा है। ड्रग्स का कारोबार (Drugs trade), अलगाववाद का खतरा (Threat of separatism) और सीमा पार से पाकिस्तान (Pakistan) एक सुव्यवस्थित षड्यंत्र (Well-organized conspiracy) के तहत पंजाब में अंशाति फैलाने की कोशिश कर रहा है।

पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार पर चौतरफा हमले हो रहे हैं। सीमावर्ती पंजाब में नशे का कारोबार बढ़ रहा है। कानून व्यवस्था को लेकर भी विपक्षी दल सवाल खड़े कर रहे हैं। खालिस्तान समर्थकों ने फिलहाल देशविरोधी गतिविधियां बढ़ा दी हैं।

यह भी पढ़ें- Jammu & Kashmir: आखिर आतंकवाद चाहता कौन है? जानने के लिए पढ़ें

स्थानीय लोग कानून-व्यवस्था को लेकर चिंतित
पंजाब भाजपा अध्यक्ष सुनील जाखड़ लगातार चेता रहे हैं कि पंजाब में कलाकारों, व्यापारियों, बिल्डर और प्रमुख नागरिकों को जबरन वसूली कॉल और धमकियां मिल रही हैं। पंजाब में मादक पदार्थ एवं बंदूक माफिया हावी है। राज्य में कानून व्यवस्था की स्थिति को लेकर भले ही आम आदमी पार्टी नियंत्रण में होने की बात कहती हो, लेकिन आम लोग पंजाब की आर्थिक स्थिति और कानून व्यवस्था को लेकर चिंतित है।

यह भी पढ़ें- Train derailment: तेलंगाना में मालगाड़ी के 11 डिब्बे पटरी से उतरे, 31 ट्रेनें रद्द

फिर से सिर उठा रहे हैं खालिस्तान समर्थक
पंजाब एक पश्चिमी सीमावर्ती राज्य होने के नाते रणनीतिक रूप से जम्मू कश्मीर जितना ही महत्वपूर्ण है। पंजाब की पाकिस्तान के साथ 425 किलोमीटर लंबी सीमा लगती है, जिसकी सुरक्षा बीएसएफ करती है । उत्तर में जम्मू कश्मीर उत्तर-पूर्व में हिमाचल प्रदेश और दक्षिण में राजस्थान तथा हरियाणा के साथ पंजाब की सीमा लगती है । पंजाब की वर्तमान जनसंख्या लगभग 3.17 करोड़ है, जिसमें से लगभग 58 प्रतिशत सिख हैं। इनमें 38 प्रतिशत हिंदू है और शेष अल्पसंख्यक हैं। पंजाब में सिखों और हिंदुओं के बीच सदैव मधुर संबंध रहे हैं। अतीत में कई परिवारों ने दोनों धर्मो का पालन किया लेकिन आज के पंजाब में ऐसी परंपराएं कम हो गई है। यह चिंता बढ़ा रहा है।

पंजाब ने 1980 के दशक के मध्य से 1990 के दशक के मध्य तक खालिस्तान के नाम से अलग सिख राज्य की मांग के लिए सक्रिय आंदोलन किया गया था। लेकिन अब खालिस्तान का षड्यंत्र कनाडा, अमेरिका और पाकिस्तान में चलाया जा रहा है। जिसके निशाने पर भारत और मुख्य रूप से पंजाब ही है।

यह भी पढ़ें- Elon Musk: अंतरिक्ष प्रेमी अरबपति मस्क अब बनेंगे मंत्री, ट्रंप का बड़ा ऐलान

बड़ा खतरा है ड्रग्स
पंजाब में सबसे बड़ी परेशान करने वाली घटना नशीली दवाएं हैं। पैसे की आसान उपलब्धता के साथ पंजाब के युवाओं का एक बड़ा हिस्सा स्थानीय अंतरराष्ट्रीय और अंतरराज्यीय ड्रग तस्करों के एक अच्छी तरह से स्थापित आपूर्ति नेटवर्क के साथ विभिन्न प्रकार के ड्रग्स का आदी हो चुका है । यह मान लेना मुश्किल नहीं है कि पुलिस स्थानीय प्रशासन और राजनेता इस रैकेट में शामिल हैं। खासकर ड्रोन की मदद से सीमा के रास्ते भी पाकिस्तान की तरफ से नशा आ रहा है।

पंजाब में पाकिस्तान से ड्रग्स आने से युवाओं को नशीली दवाओं पर निर्भरता की ओर धकेल दिया है। पाकिस्तान ने पंजाब के युवाओं को नशे की तरफ धकेलना के लिए एक व्यवस्थित साजिश रची है। हैरानी की बात यह है कि पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार युवाओं को नशे के अभिशाप से दूर रहने के लिए बहुत कम प्रयास कर रही है।

यह भी पढ़ें- Sanatan: सनातन संस्कृति को विकृत साबित करने का षड़यंत्र! यहां पढ़ें

पंजाब में फिर बढ़ रहा कट्टरपंथ
पंजाब में कट्टरपंथ एक बार फिर सिर उठा रहा है। कट्टरपंथ को विदेशी धन और संसाधनों द्वारा सहायता प्राप्त ‌हो रही है। लगातार विरोधी ताकतें सामाजिक और धार्मिक विभाजन पैदा करने में सफल हो रही है। 2024 के लोकसभा चुनाव में दो कट्टरपंथी निर्दलीय उम्मीदवारों की जीत अर्थात अमृतपाल सिंह एक घोषित खालिस्तानी हैं और वर्तमान में जेल में बंद है और पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के हत्यारे के बेटे सरबजीत सिंह खालसा ने कट्टरपंथी तत्वों को प्रोत्साहित किया है । अकाल तख्त जत्थेदार द्वारा शिरोमणी गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी से स्वर्ण मंदिर परिसर में खालिस्तान समर्थक आतंकवादियों के चित्र प्रदर्शित करने के लिए कई प्रयास कर चुके हैं। चिंता की बात तो यह है कि पंजाब से कांग्रेस के सांसद चरणजीत सिंह चन्नी लोकसभा में खालिस्तान समर्थक समूह की प्रशंसा कर चुके हैं।

यह भी पढ़ें- Lawrence Gang: दिल्ली से शूटर मोगली गिरफ्तार, पुलिस ने रातभर कई गैंगस्टरों के ठिकानों पर की छापेमारी

बदल गए राजनीतिक समीकरण
पंजाब में राजनीतिक समीकरण में भी बदलाव आया है। पंजाब की राजनीति में अकालियों के बाद आम आदमी पार्टी सत्ता में है। आम आदमी पार्टी भी खालिस्तान समर्थकों पर नकेल कसने में विफल हो रही है। बड़े पैमाने पर पंजाब में शासन के दिल्ली मॉडल को दोहराने की कोशिश कर रही है। आम आदमी पार्टी की समस्या यह है कि वह अल्पकालिक राजनीतिक लाभ की तलाश करती है और व्यापक रूप से सुरक्षा के मामलों को कम महत्व देती है । भारत एक अस्थिर पंजाब और अशांत जम्मू कश्मीर को बर्दाश्त नहीं कर सकता, जिसकी साजिश हमारे भीतर और बाहर के विरोधी करते रहते हैं। पंजाब में खालिस्तान के खतरे के प्रति हमें और सजग रहना होगा।

यह भी पढ़ें- Jammu & Kashmir: यासीन मलिक की पत्नी को क्यों याद आए राहुल गांधी! यहां पढ़ें

पांच साल के लिए बढ़ाया गया प्रतिबंध
गृह मंत्रालय ने प्रतिबंधित खालिस्तान संगठन सिख फॉर जस्टिस पर प्रतिबंध को 10 जुलाई 2024 से 5 साल तक के लिए बढ़ा दिया है। सिख फॉर जस्टिस गुरपतवंत सिंह पन्नू के नेतृत्व वाला एक अलगाववादी संगठन है। वह अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा से अपनी गतिविधियों को अंजाम देता है। भारत सरकार द्वारा इस समूह पर प्रतिबंध को 5 साल के लिए बढ़ाना इस बात का संकेत है कि पंजाब में खालिस्तानियों का खतरा कम नहीं हुआ है।

यह वीडियो भी देखें-

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.