कांग्रेस विधायक चरणजीत सिंह चन्नी 20 सितंबर को सुबह 11 बजे पंजाब के 17वें मुख्यमंत्री के रुप में शपथ ग्रहण किया। शपथ ग्रहण चंडीगढ़ में संपन्न हुआ। चन्नी का जन्म 1963 में पंजाब के भजौली गांव में हुआ था। यह गांव कुराली के पास स्थित है। उनके पिता मलेशिया में काम करते थे। इसलिए उनका पूरा परिवार मलेशिया में बस गया था। लेकिन 1955 वे स्वदेश लौट आए थे और पंजाब के एसएएस नगर जिले के खरार शहर में बस गए। चन्नी दलित नेता हैं और वे काफी तेजी से उभरे हैं। वे चमकौर साहिब सीट से तीन बार विधायक रहे हैं।
ये हैं चुनौतियां
चन्नी को राज्य में होने वाले चुनाव से पहले उन 18 वादों को जमीन पर उतारना होगा, जिनकी लिस्ट तीन महीने पहले पार्टी हाईकमान ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को सौंपी थी। इसके साथ ही पार्टी में चल रही कलह को शांत करना भी उनके लिए बड़ी चुनौती होगी। एक तरफ जहां पूर्व मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह पार्टी से नाराज चल रहे हैं, वहीं मुख्यमंत्री नहीं बनाए जाने के कारण प्रदेश के पार्टी प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू के भी शांत बैठने की संभावना नहीं है। ऐसे में पार्टी में अंदरुनी कलह को नियंत्रण करना चन्नी के लिए बहुत बड़ी चुनौती होगी। उनके कंधों पर 2022 में होने वाले राज्य विधानसभा चुनाव में पार्टी को जीताने की सबसे बड़ी जिम्मेदारी है।
खास बातें
- चरणजीत सिंह चन्नी तीन बार विधायक रह चुके हैं।
- वे पहले दलित नेता हैं, जिन्हें पंजाब का मुख्यमंत्री बनाया जा रहा है।
- वे रामदसिया सिख समुदाय से आते हैं और बेदाग छवि वाले नेता हैं।
- उन्हें 16 मार्च 2017 को पंजाब कैबिनेट में शामिल किया गया था।
- पिछले चुनाव में आप उम्मीदवार को 12 हजार मतों से पराति किया था।
- 2012 के चुनाव में वे मात्र 3600 मतों से जीत हासिल की थी।
- उन्हें राहुल गांधी का करीबी माना जाता है।
- वे युवा कांग्रेस से भी जुड़े रहे हैं। उसी दौरान वे राहुल गांधी के करीब आए थे।