Pushpa 2 stampede case: तेलंगाना उच्च न्यायालय (Telangana High Court) ने 27 जनवरी (सोमवार) को राज्य सरकार (State Government) और सिनेमाघरों को निर्देश दिया कि वे 16 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को सुबह 11 बजे से पहले और रात 11 बजे के बाद सिनेमाघरों में प्रवेश न करने दें।
यह निर्णय मूवी टिकट की कीमतों में वृद्धि और विशेष शो के लिए परमिट से संबंधित याचिका की सुनवाई के बाद आया। न्यायमूर्ति विजयसेन रेड्डी ने टिप्पणी की कि बच्चों को सुबह जल्दी या देर रात को फिल्म देखने की अनुमति देने से उनके शारीरिक और भावनात्मक स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है। उन्होंने अपने आदेश के समर्थन में पुष्पा 2 भगदड़ की घटना का भी हवाला दिया। संध्या थिएटर में हुई पुष्पा 2 भगदड़ में एक महिला की मौत हो गई थी और उसका बेटा गंभीर रूप से घायल हो गया था।
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तेलंगाना हाईकोर्ट ने प्रवेश नियंत्रित करने की सिफारिश की
हाईकोर्ट ने सिफारिश की है कि राज्य सरकार सभी पक्षों को निर्देश दे कि वे 16 वर्ष से कम आयु के बच्चों का सुबह 11 बजे से पहले और रात 11 बजे के बाद सिनेमाघरों और मल्टीप्लेक्स में प्रवेश नियंत्रित करें। गृह विभाग के प्रधान सचिव को सलाह दी जाती है कि वे बच्चों के प्रवेश को नियंत्रित करने के लिए सभी हितधारकों से चर्चा कर उचित निर्णय लें। जस्टिस रेड्डी ने सिनेमैटोग्राफी नियमों का हवाला देते हुए कहा कि बच्चों को सुबह जल्दी और देर रात को फिल्में देखने की अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
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22 फरवरी को अगली सुनवाई
याचिकाकर्ता के वकील ने तर्क दिया कि विषम समय में फिल्में देखने से बच्चों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। कोर्ट ने फैसला देने से पहले इन चिंताओं पर विचार किया। मामले की अगली सुनवाई 22 फरवरी तक के लिए टाल दी गई है। जस्टिस रेड्डी ने बच्चों पर देर रात स्क्रीन के अत्यधिक उपयोग के प्रभाव के बारे में भी चिंता व्यक्त की। कोर्ट ने याचिकाकर्ता के वकील की दलीलें सुनने के बाद यह फैसला दिया।
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