सीपीएन-माओवादी सेंटर के अध्यक्ष पुष्प कमल दहल तीसरी बार नेपाल के प्रधानमंत्री बन गए हैं। 25 दिसंबर को एक नाटकीय मोड़ में विपक्षी सीपीएन-यूएमएल और अन्य छोटे दलों ने उन्हें समर्थन दे दिया।
सीपीएन-एमसी देब के महासचिव गुरुंग ने बताया कि सीपीएन-यूएमएल, सीपीएन-एमसी और अन्य पार्टियां संविधान के अनुच्छेद 76(2) के तहत 165 सांसदों के हस्ताक्षर के साथ राष्ट्रपति कार्यालय शीतलनिवास में प्रंचड को प्रधानमंत्री बनाने का दावा पेश करने के लिए तैयार हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति को सौंपने के लिए एक सहमति पत्र तैयार किया गया है।
बैठक में बनी सहमति
बैठक में प्रचंड और ओली के बीच समझौता हुआ । ये रोटेशन के आधार पर प्रधानमंत्री बनेंगे। बैठक में लिए गए निर्णय के अनुसार पहले प्रचंड प्रधानमंत्री बनेंगे। ओली के आवास बालकोट में बैठक में ओली, प्रचंड, आरएसपी अध्यक्ष रवि लामिछाने, राष्ट्रीय प्रजातंत्र के प्रमुख राजेंद्र लिंगडेन, जनता समन्वयवादी पार्टी के अशोक राय सहित कई नेता शामिल थे।
देउबा समर्थन जुटाने में विफल
बता दें कि सीपीएन-यूएमएल के महासचिव शंकर पोखरेल ने बैठक के बाद मीडिया से कहा था कि सबसे बड़ी पार्टी के रूप में नेपाली कांग्रेस राष्ट्रपति की समय सीमा के भीतर अपने नेतृत्व में सरकार बनाने में विफल रही है। प्रचंड और शेर सिंह देउबा के बीच बात नहीं बनने के कारण देउबा सरकार बनाने के लिए बहुमत जुटाने में असफल रहे।