Rahul Gandhi: सदन में राहुल गांधी के आचरण पर सवाल, स्पीकर ने दी यह सलाह

18 वीं लोकसभा के शुरुआती समय से ही प्रतिपक्ष के नेता राहुल गांधी के सदन में आचरण को लेकर सवाल उठ रहे हैं ।

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Rahul Gandhi: 18 वीं लोकसभा के शुरुआती समय से ही प्रतिपक्ष के नेता राहुल गांधी के सदन में आचरण को लेकर सवाल उठ रहे हैं । लेकिन इस बार आखिर राहुल गांधी ने ऐसा कौन सा आचरण पेश किया है,जो लोकसभा अध्यक्ष की नजर में मर्यादा को सदन के उच्च मानदंडों के मुताबिक नहीं पाया गया है?
आइए समझते हैं ।

नियमों के अनुसार आचरण करने की अपेक्षा: ओम बिरला
लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा था माननीय सदस्य गण….आप सबसे अपेक्षा की जाती है कि आप सब सदन की मर्यादा और शालीनता के उच्च मानदंडों को बनाए रखेंगे…. सदन में मेरे संज्ञान में ऐसी कई घटनाएं हैं, जब माननीय सदस्यों के आचरण सदन की उच्च परंपराओं और मानदंडों के अनुरूप नहीं है। इस सदन में पिता पुत्री मां बेटी सदस्य रहे हैं।

राहुल गांधी को सलाह
और फिर राहुल गांधी के लिए कहते हैं, इस परिप्रेक्ष्य में नेता प्रतिपक्ष से यह अपेक्षा है कि इस सदन में नियमों के अनुरूप आचरण और व्यवहार करें, जो सदन की मर्यादा और प्रतिष्ठा के अनुरूप रहना चाहिए। सदन में प्रतिपक्ष के नेता से तो यह विशेष रूप से अपेक्षा की जाती है कि वह आचरण मर्यादा के अनुरूप रखें।

राहुल गांधी खुद देते हैं मौका
यह पहला अवसर नहीं है, जब संसद में राहुल गांधी के आचरण को लेकर सवाल खड़े हुए हैं। ‌कई बार तो लगता है कि राहुल गांधी खुद भी ऐसी बातों के लिए खुद ही मौका दे देते हैं। उदाहरण के तौर पर अविश्वास प्रस्ताव के दौरान राहुल गांधी का जाकर प्रधानमंत्री मोदी से गले मिलना और फिर साथी नेताओं की तरफ देखकर आंख मारना। हम सभी ने लोकसभा में लाइव टीवी पर देखा है।

भगवान शिव का चित्र लोकसभा में लेकर आना
राहुल गांधी लोकसभा की कार्यवाही के दौरान भगवान शिव का चित्र भी अपने साथ लेकर आए थे। जिसे उन्होंने सदन में बार-बार दिखाया। इस दौरान सत्ता पक्ष लगातार उनका विरोध कर रहा था। कांग्रेस की ओर से धारा 349 की उपधारा 2 का हवाला दिया जाने पर स्पीकर ओम बिरला ने कहा कि सदन में किसी भी चित्र का प्रदर्शन नहीं किया जा सकता । हालांकि उन्होंने अपने अधिकारों का प्रयोग करने की जगह नेता प्रतिपक्ष को सलाह मात्र दी थी।

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क्या कहता है कानून?
-लोकसभा के रूल बुक का पूरा नाम ‘रूल ऑफ प्रोसीजर एंड कंडक्ट बिजनेस’ इन लोक सभा है। इसके क्षेत्र 349 से 353 तक उन नियमों का जिक्र है, जिन्हें हर सदस्य को सदन में बैठने और बोलने के समय ध्यान रखना होता है।

-नियम के अनुसार सदन के अध्यक्ष द्वारा सदस्य का नाम लेने के बाद ही वह बोलने के लिए खड़ा होगा।

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