राहुल गांधी ने अमेरिका में मुस्लिम लीग को बताया धर्मनिरपेक्ष, भाजपा ने किया पलटवार

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अमेरिका में मुस्लिम लीग को धर्मनिरपेक्ष बताया है। मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि भारत में विपक्ष पूरी तरह एकजुट है।

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कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अमेरिका में मुस्लिम लीग को धर्मनिरपेक्ष पार्टी करार दिया है। अमेरिका के नेशनल प्रेस क्लब में मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा कि भारत में विपक्ष पूरी तरह एकजुट है।

भारतीय जनता पार्टी अमित मालवीय ने उनके इस बयान पर पलटवार करते हुए कहा है कि देश के बंटवारे के लिए जिन्ना की पार्टी मुस्लिम लीग जिम्मेदार है। लेकिन राहुल गांधी उसे सेक्युलर पार्टी का सर्टिफिकेट दे रहे हैं। वायनाड में स्वीकार्यता बनाए रखने के लिए इस तरह का बयान देना उनकी मजबूरी है।

अमेठी में हार गए थे राहुल गांधी
बता दें कि 2019 में राहुल गांधी ने अमेठी के साथ वायनाड से लोकसभा चुनाव लड़ा था, लेकिन वे अमेठी में भाजपा की स्मृति इरानी से चुनाव हार गए थे, हालांकि वायनाड में उनकी जीत हुई थी। अब 2024 में भी उन्हें वायनाड से ही जीत की उम्मीद अधिक है।

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अमेरिका यात्रा पर राहुल गांधी
राहुल इस समय अमेरिका की यात्रा पर हैं। इस दौरान उन्होंने नेशनल प्रेस क्लब में पत्रकारों से बातचीत की। पत्रकारों ने उनसे कांग्रेस के केरल में इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग से गठबंधन पर सवाल किए। इस पर राहुल ने कहा कि मुस्लिम लीग पूरी तरह से धर्मनिरपेक्ष पार्टी है। मुस्लिम लीग के बारे में कुछ भी गैर-धर्मनिरपेक्ष नहीं है।

विपक्ष एकजुटः राहुल
एक अन्य सवाल के जवाब में राहुल ने कहा कि भारत में विपक्ष बहुत अच्छी तरह से एकजुट है और निचले स्तर पर भी बहुत अच्छा काम हो रहा है। उन्होंने जोर देकर कहा कि एक छिपी हुई अंतर्निहित निर्माण प्रक्रिया चल रही है और यह अगले आम चुनाव में लोगों को “आश्चर्यचकित” करेगी।

चुनावों से मिल रहे बेहतर संकेत
राहुल गांधी ने कहा कि उनकी पार्टी कांग्रेस अगले दो वर्षों में बहुत अच्छा करेगी। कर्नाटक विधानसभा चुनाव के परिणाम की ओर इशारा करते हुए गांधी ने कहा, अगले तीन या चार राज्यों के चुनाव का इंतजार करें और देखें। जो होने वाला है उसका यह एक बेहतर संकेत है। राहुल गांधी ने भारत में प्रेस और धार्मिक स्वतंत्रता, अल्पसंख्यकों के सामने आने वाले मुद्दों और अर्थव्यवस्था की स्थिति सहित कई सवालों के जवाब दिए। भारत-चीन संबंधों को लेकर उन्होंने कहा कि चीन के दबाव में आकर भारत पीछे नहीं हट सकता है। दोनों पड़ोसियों के बीच संबंध जटिल हैं।

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