राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने स्वीकार किया है कि कांग्रेस का जनता से जुड़ाव कम हुआ है। उनके इस बयान को लेकर तरह-तरह की बातें कही जा रही है। शंका व्यक्त की जा रही है कि उनका खुद का पार्टी से लगाव कम हो गया है। हालांकि उन्होंने अपने बयान के साथ यह भी जोड़ दिया कि राहुल गांधी ने बहुत मार्मिक बात कही है कि जनता से जुड़ाव करो, मतलब जुड़ाव में कुछ कमी आई है, धीरे-धीरे आ ही जाती है। हमें जनता से जुड़ने का मौका मिला है। हम जनता के बीच जाएं और उनके सुख दुख में भागीदार बने। हमारे मंत्री और विधायकों को राहुल गांधी की यात्रा के बाद नए प्रोग्राम दिए हैं, महीने में एक दिन कम से कम 15 किलोमीटर की पैदल यात्रा करनी है। गहलोत कांग्रेस स्थापना दिवस के मौके पर पीसीसी में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।
लंबा सफर तय कर यहां पहुंची है कांग्रेस
गहलोत ने कहा कि लंबा सफर तय करते करते कांग्रेस यहां तक पहुंची है। आज भी कांग्रेस अपनी नीतियों, सिद्धांतों पर अडिग है। राहुल गांधी ने भी कहा है कि बीजेपी आरएसएस के खिलाफ हमारी लड़ाई नीति सिद्धांतों की है। आरएसएस-भाजपा के खिलाफ हमारी लड़ाई नीति सिद्धांतों के आधार पर जारी रहेगी। संविधान की रक्षा करने में हम सक्षम हैं। गहलोत ने भाजपा पर निशाना साधते हुए कहा कि आज लोकतंत्र की धज्जियां उड़ाई जा रही है। ये जो लोकतंत्र की जड़ें कमजोर करने का प्रयास कर रहे हैं, ये कामयाब नहीं हो पाएंगे। पूरी कांग्रेस एकजुट होकर मुकाबला करेगी। खड़गे साहब कांग्रेस अध्यक्ष बने हैं, दलित वर्ग का व्यक्ति 50 साल बाद अध्यक्ष बना है।
सुझाव देने के लिए कांग्रेस नेताओं का खुला अधिवेशन
जयपुर के बिरला ऑडिटोरियम में बजट पर सुझाव देने के लिए कांग्रेस नेताओं का खुला अधिवेशन है। खुले अधिवेशन में पीसीसी मेंबर, एआईसीसी मेंबर, विधायकों, विधायक और सांसद का चुनाव हार चुके उम्मीदवारों के साथ पूर्व और मौजूदा जिलाध्यक्षों, बोर्ड निगमों के अध्यक्ष, उपाध्यक्षों को बुलाया गया है। इसमें चुनिंदा नेताओं से सुझाव लिए जाएंगे। अधिवेशन में चुनिंदा कांग्रेस नेता करीब तीन से चार घंटे तक अपने सुझाव रखेंगे। इसके बाद अधिवेशन में प्रस्ताव पारित होगा। इस प्रस्ताव में प्रदेश कांग्रेस कमेटी के बजट में सुझाव होंगे। ये सुझाव एक तरह से प्रदेश कांग्रेस का डिमांड चार्टर होगा। गहलोत ने साल 2020 में कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष से बजट पर खुले अधिवेशन में चर्चा कर सुझाव भेजने का सुझाव दिया था, इसके बाद से पीसीसी की तरफ से बजट पर सुझाव भेजने का नया सिस्टम शुरू किया गया है।