राजस्थान सरकार में सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। हाइवोल्टेज ड्रामा समाप्ति के दस महीने बाद भी सचिन पायलट से किये गए वादों को पूरा नहीं किया गया है। इसके लिए नेताओं ने आवाज उठानी शुरू कर दी है। इन नेताओं में कई विधायक और ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारी भी हैं।
राहुल गांधी की यंग ब्रिगेड के सदस्य ज्योतिरादित्य सिंधिया पहले ही भारतीय जनता पार्टी में प्रवेश कर चुके हैं इसके बाद बुधवार को कुंवर जितिन प्रसाद ने भी भाजपा का दामन थाम लिया। इधर राजस्थान के पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट फिर अस्वस्थ हैं। उनके खेमे ने कहा है कि दस महीने बीत जाने के बाद भी उनसे किये गए वादे पूरे नहीं हुए हैं। कांग्रेस के केंद्रीय नेतृत्व ने विधायकों के असंतोष का कारण जानने के लिए एक तीन सदस्यी कमेटी का गठन किया था। लेकिन वह आज तक किसी निर्णय पर ही नहीं पहुंची।
भाजपा नेता के ट्वीट ने रंग दिया विवाद
भारतीय जनता पार्टी राजेंद्र राठोड़ की ट्वीट शृंखलाओं ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के बीच असंतोष की जानकरी साझा की थी। उन्होंने तो यहां तक लिखा कि ये चिंगारी कब बारूद बनकर फूटेगी यह कहा नहीं जा सकता।
आखिर मन का दर्द होठों पर आ ही गया। ये चिंगारी कब बारूद बनकर फूटेगी, ये तो आने वाला वक्त ही बताएगा। कांग्रेस को सत्ता तक पहुंचाने में तत्कालीन कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष @SachinPilot जी ने अहम भूमिका निभाई थी। सुलह कमेटी के पास मुद्दे अब भी अनसुलझे ही हैं।
ना जाने कब क्या हो जाए…
— Rajendra Rathore (@Rajendra4BJP) June 8, 2021
कांग्रेस महासचिव ने भी उठाई आवाज
राजस्थान के कांग्रेस नेता और पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव भंवर जितेंद्र सिंह ने भी अब खुलकर कह दिया है कि, पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट से किये गए वादे दस महीने बाद भी पूरे नहीं हुए हैं। हालांकि, उन्होंने साफ किया कि इससे राज्य सरकार पर कोई खतरा नहीं है।
पायलट ने भाजपा की भी खिंचाई की
सचिन पायलट ने भारतीय जनता पार्टी के नेताओं की छींटाकशी पर पलटवार किया है। उन्होंने कहा कि भाजपा नेताओं को अपनी दशा पर विचार करना चाहिए, उनमें आपसी फूट और अंतरकलह इतनी प्रबल है कि वे विपक्ष की भूमिका भी नहीं निभा पा रहे हैं।
प्रदेश के भाजपा नेताओं को व्यर्थ बयानबाज़ी की बजाय अपनी स्थिति पर गंभीरता से विचार करना चाहिए। आपसी फूट व अंतर्कलह इतनी हावी है कि राज्य मे भाजपा विपक्ष की भूमिका भी नहीं निभा पा रही।
इनकी नाकाम नीतियों से देश में उपजे संकट में जनता को अकेला छोड़ने वालों को जनता करारा जवाब देगी। https://t.co/HnYaR9yd57— Sachin Pilot (@SachinPilot) June 8, 2021
पंजाब की सुनवाई पर राजस्थान की अनदेखी
सचिन पायलट के साथ पिछली बार के विद्रोह ड्रामा में 18 विधायक थे, इस बार सुनने में आया है कि कुछ मंत्री भी उनके सुर में सुर मिला रहे हैं। इसके अलावा सचिन पायलट के समर्थक विधायकों ने कहा है कि चार वर्ष पहले पार्टी में आए नवजोत सिंह सिद्धू ने जब पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की कार्यशैली पर प्रश्न उठाया तो उन्हें तत्काल सुलह के लिए दिल्ली बुला लिया गया, वहीं राजस्थान में सुलह कमेटी राज्य सरकार का आधा कार्यकाल पूरा हो जाने के बाद भी किसी निर्णय पर नहीं पहुंच पाई है। दस महीने पहले जो वादे किये गए थे वे पूरे नहीं हुए हैं।
असंतोष शांति पर सुगबुगाहट
इस बीच अंदरखाने खबर यह भी मिल रही है कि, विपक्ष की चुटकियों और सचिन पायलट गुट को मिल रहे समर्थन से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के खेमे में हलचल शुरू हुई है। सूत्रों की जानकारी यह भी है कि पायलट खेमे के चार विधायकों को मंत्रिपरिषद विस्तार में स्थान दिया जा सकता है। इसके अलावा अन्य नेताओं को विभिन्न मंडलों में अध्यक्ष पद देकर राज्य सरकार में शांति स्थापना का प्रयत्न हो सकता है। राजस्थान सरकार में वर्तमान में 21 मंत्री हैं, जबकि वहां तीस मंत्री तक बनाए जा सकते हैं।