पायलट के सीएम बनने पर गहलोत राजी? तीन समर्थक विधायकों की होगी क्रैश लैंडिंग

कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष की निर्वाचन प्रक्रिया प्रारंभ होने के पहले ही घमासान मच गया है। पहले गांधी परिवार अशोक गहलोत को अध्यक्ष पद पर बैठाना चाहता था, जबकि शशि थरूर भी चुनाव लड़ने के इच्छुक थे। यह सूची मंगलवार के सायं तक बढ़ गई। जानकारों के अनुसार अशोक गहलोत, शशि थरूर के आलावा के.सी वेणुगोपाल और अंबिका सोनी के नामों की भी चर्चा है।

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राजस्थान में चल रहे राजनीतिक दंगल में कांग्रेस पर्यवेक्षकों ने अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। इस रिपोर्ट में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को क्लीन चिट दे दी गई है, जबकि उनके समर्थक विधायकों पर कार्रवाई की अनुशंसा की गई है। जानकारी के अनुसार गहलोत अपना पद छोड़ने के साथ ही कांग्रेस हाइकमान की बातें मान्य होने का वचन भी दे चुके हैं। जबकि, आलाकमान की ओर से तीन नेताओं को नोटिस जारी कर दी गई है।

राजस्थान में कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष ढूंढने गई थी, लेकिन हो गई क्रैश लैंडिंग। इसका परिणाम यह हुआ कि वर्तमान मुख्यमंत्री हठयोग पर बैठ गए और प्रदेश सरकार के नए पायलट बनने की चाहत में सचिन के हिस्से प्रतीक्षा और विधायकों के कटु बोल ही पड़े। परंतु, अब ऐसी सूचनाएं मिल रही हैं कि, वर्तमान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को कांग्रेस हाइकमान के सभी निर्णय मान्य हैं। वे अपना पद छोड़ने को तैयार हैं। इस संबंध में केंद्रीय पर्यवेक्षक मल्लिकार्जुन खड़गे और अजय माकन ने अपनी रिपोर्ट सोनिया गांधी के पास भेज दी है।

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गहलोत को क्लीन चिट
सूत्रों के अनुसार पर्यवेक्षकों की नौ पन्नों की रिपोर्ट में कांग्रेस के राजनीतिक मटियामेट पर अशोक गहलोत को क्लीन चिट मिल गई है। इस रिपोर्ट में गहलोत गुट के तीन विधायकों पर कार्रवाई की बात भी सामने आ रही है। इन विधायकों ने पर्यवेक्षकों से अलग विधायकों की बैठक बुलाई थी। यह बैठक विधायक शांति धारीवाल के घर पर बुलाई गई थी, जिसमें विधायक प्रताप सिंह काचरियावास और मुख्य सचेतक जोशी की प्रमुख भूमिका थी। जिनको नेटिस जारी कर दी गई है।

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