राजस्थान के पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट के समर्थक नेता और कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष राजेंद्र चौधरी ने पायलट को मुख्यमंत्री बनाने की मांग उठाई है। राजेंद्र चौधरी ने कहा कि राजस्थान की जनता चाहती है कि सचिन पायलट को चीफ मिनिस्टर होना चाहिए। मुझे लोग कहते हैं। हमने तो पायलट को देखकर ही वोट दिया था। जो जनता चाहती है मैं बिना लाग लपेट के वही बात बता रहा हूं। मुझे बुजुर्ग लोग कान में कहते हैं, सोनिया गांधी को समझाइए, हमने पायलट को देखकर वोट दिए थे। हमें ठगा गया है।
सचिन की प्रशंसा
चौधरी 12 सितंबर को प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। उन्होंने कहा कि हम जनभावना को समझकर उसके अनुसार काम नहीं करेंगे तो परिणाम कैसे आएंगे। जनता जो चाहती है, उसकी तो हमें कद्र करनी होगी। जनता जो बातें कह रही हैं। उन पर गौर करना होगा। जनभावना के अनुसार फैसले नहीं करने पर नुकसान ही होता है। चौधरी ने कहा कि जब हमारी सीटें 21 पर आ गई थीं। तब सोनिया गांधी ने सचिन पायलट को राजस्थान में अध्यक्ष बनाकर भेजा। पायलट ने हाड़ तोड़ मेहनत की। हमने मिलकर खूब संघर्ष किया। जब विधानसभा चुनाव हुए तो पार्टी को 21 सीटों से 100 पर पहुंचाया। कांग्रेस की सरकार बनी। छह महीने बाद ही लोकसभा चुनाव हुए तो हम सभी 25 लोकसभा सीट हार गए।
अशोक गहलोत के क्षेत्र से हार गई कांग्रेस
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के क्षेत्र सरदारपुरा से कांग्रेस 44 हजार वोटों से हार गई। मुख्यमंत्री के बेटे लाखों के अंतर से चुनाव हारे। छह महीने में ही सरकार ने ऐसा क्या बुरा कर दिया था। इस पर चिंतन करने की जरूरत है कि यह क्यों हुआ। जनता ने छह महीने बाद ही परिणाम दे दिया था, यह साफ संकेत था पायलट को सीएम नहीं बनाने पर जनता ने ऐसा किया। चौधरी ने कहा कि पायलट के जन्मदिन पर जिस तरह जनसैलाब उमड़ा उसने कई इशारे कर दिए हैं। मैंने कभी वैसी भीड़ नहीं देखी। लोग अपने आप चलकर आए थे, किसी को साधन लगाकर लाया नहीं गया था। राजनीतिक कार्यक्रमों में लोगों को लाया जाता है, लेकिन पायलट के जन्मदिन पर लोग खुद आए थे। पायलट के जन्मदिन पर उमड़ा जनसैलाब अपने आप में एक पैमाना है कि राजस्थान की जनता का मूड क्या है और किस नेता की तरफ है।
इस स्थिति में गहलोत को देना होगा इस्तीफा
चौधरी ने कहा कि अशोक गहलोत अगर राष्ट्रीय अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालते हैं तो उन्हें पहले मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना होगा। राष्ट्रीय अध्यक्ष का नॉमिनेशन भरने से पहले सीएम पद से इस्तीफा देना होगा। दोनों पदों पर रहना गलत होगा और अध्यक्ष पद के साथ न्याय नहीं होगा।