निष्पक्ष एवं भयमुक्त विधानसभा चुनाव संपन्न करवाने के लिए भारत निर्वाचन आयोग ने इस बार अनूठा नवाचार किया है। इसके तहत आपराधिक रिकॉर्ड वाले उम्मीदवार को प्रत्याशी बनाए जाने पर राजनीतिक दलों को प्रमुख समाचार पत्रों एवं प्रमुख न्यूज चैनल में विज्ञापन प्रकाशित एवं प्रसारित कर अपना स्पष्टीकरण जारी करना होगा।
उप जिला निर्वाचन अधिकारी नीलिमा तक्षक ने बताया कि भारत निर्वाचन आयोग के आदेश का अनुपालना किया जा रहा है। इसके तहत राजनीतिक दल द्वारा अभ्यर्थी के रूप में चुने गए आपराधिक मामलों वाले व्यक्ति से संबंधित सूचना के साथ-साथ ऐसे चयन के कारण सहित बिना आपराधिक पूर्ववर्ती वाले अन्य व्यक्तियों को अभ्यर्थी के रूप में क्यों नहीं चुना गया। साथ ही इससे संबंधित विवरण अभ्यर्थी का चयन किए जाने के 48 घंटों के भीतर अथवा नाम निर्देशन प्रारम्भ होने की तिथि से दो सप्ताह पूर्व नहीं हो, सलन्न फॉर्मेट सी-7 में समाचार पत्र में प्रकाशन किया जायेगा। उक्त प्रकाशन एक बार राष्ट्रीय समाचार पत्र में तथा एक बार स्थानीय समाचार पत्र में किया जाना आवश्यक होगा।
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अपनी वेबसाइट के होमपेज पर प्रदर्शित करनी होगी सूचना
उन्होंने बताया कि राजनीतिक दलों को राष्ट्रीय और स्थानीय समाचार-पत्र का चयन करते समय आयोग के निर्देश की पालना सुनिश्चित करनी होगी। इसके अतिरिक्त सी-7 को सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर भी प्रकाशित किया जाएगा एवं साथ ही नवीनतम दिशा-निर्देशों के अनुसार राजनैतिक दलों द्वारा यह सूचना अपनी वेबसाइट के होमपेज भी प्रदर्शित करनी होगी। होमपेज पर एक कैप्शन जिसमें आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवार लिखा हो भी प्रदर्शित करना आवश्यक होगा।
राजनीतिक दल को आपराधिक पूर्ववृत्त वाले अभ्यर्थियों के संबंध में फॉर्मेट सी-7 में प्रकाशन की सूचना अभ्यर्थी के चयन के 72 घंटों के भीतर अथवा नाम निर्देशन प्रारम्भ होने की तिथि से कम से कम दो सप्ताह पूर्व, जो भी पहले हो फार्मेट सी-8 में रिपोर्ट भारत निर्वाचन आयोग, नई दिल्ली को भेजनी होगी।
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