राजस्थान में सियासी संकटः सचिन पायलट सहित कांग्रेस के ये नेता दिल्ली तलब

राजस्थान में गहलोत की जगह नये मुख्यमंत्री के रूप में हाईकमान की पसंद सचिन पायलट हैं, लेकिन गहलोत खेमा पायलट के नाम पर नाराज है।

143

राजस्थान की राजनीति में एक बार फिर उथल-पुथल शुरू हो गई है। कांग्रेस अध्यक्ष पद के लिए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नामांकन भरने की तैयारी के बीच भावी मुख्यमंत्री के लिए रस्सा-कस्सी चल रही है। गहलोत की जगह नये मुख्यमंत्री के रूप में हाईकमान की पसंद सचिन पायलट हैं, लेकिन गहलोत खेमा पायलट के नाम पर नाराज है। कांग्रेस विधायक दल की बैठक से पहले ही गहलोत गुट के करीब 70 विधायकों के विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी को इस्तीफे सौंपने की सूचना है। इसकी अधिकारिक पुष्टि नहीं हो पाई है। उधर, मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित विधायक दल की बैठक में गहलोत समर्थक विधायक नहीं पहुंचे। इसके बाद बैठक को रद्द करना पड़ा।

बैठक रद्द होने के बाद ताजा घटनाक्रम को लेकर मुख्यमंत्री निवास में बैठक हो रही है। बैठक में अजय माकन, मल्लिकार्जुन खड़गे, गहलोत, पायलट, रघु शर्मा और कुछ वरिष्ठ मंत्री मौजूद हैं। सूत्रों के अनुसार बैठक में गहलोत खेमे के विधायकों को मनाने और उनकी बात सुनने पर चर्चा की जा रही है। उधर, गहलोत समर्थक विधायक भी एक एककर मुख्यमंत्री निवास पहुंचने लगे है।

सोनिया गांधी का आया मैसेज
सूत्रों के अनुसार कांग्रेस हाईकमान ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट, अजय माकन और मल्लिकार्जुन खड़गे को दिल्ली तलब किया है। केसी वेणुगोपाल ने दोनों को फोन कर सोनिया गांधी और राहुल गांधी का यह मैसेज दिया है। हालांकि देर रात अजय माकन ने कहा कि हम दिल्ली नहीं जा रहे हैं। एक-एक विधायक से बात कर रहे हैं।

नहीं हो पाई बैठक
इनसे पहले सचिन पायलट अपने समर्थक विधायकों के साथ विधायक दल की बैठक के लिए मुख्यमंत्री निवास पहुंचे थे लेकिन देररात बैठक नहीं होने की स्थिति में वे वहां से चले गए। इसके पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत प्रदेश प्रभारी अजय माकन और ऑब्जर्वर मल्लिकार्जुन खड़गे से मिलने होटल पहुंचे। छोटी सी मुलाकात के बाद तीनों मुख्यमंत्री निवास पहुंचे लेकिन कई विधायकों के नहीं पहुंचने से बैठक रद्द हो गई।

 पार्टी विधायक नाराज
मंत्री प्रताप सिंह खाचरियावास ने कहा कि सभी विधायक नाराज हैं। इसलिए वे विधानसभा अध्यक्ष के पास इस्तीफा देना चाहते हैं। सरकार जब संकट में थी, उस वक्त सभी ने सरकार का साथ दिया लेकिन अब विधायकों की नहीं सुनी जा रही है। इसलिए विधायक नाराज हैं।

हाईकमान का फैसला मंजूरः गहलोत
विधायक दल की बैठक से पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि ऐसी बैठकों में एक लाइन का रिजॉल्यूशन पास करते हैं कि जो हाईकमान तय करेगा, वही हमें मंजूर होगा। यह मीडिया ने फैलाया है कि मैं मुख्यमंत्री पद नहीं छोड़ना चाहता, मैंने तो 09 अगस्त को ही हाईकमान से कह दिया था कि जो सरकार रिपीट करवा सके, उसे ही सीएम बनाना चाहिए। इधर, मंत्री राजेंद्र गुढ़ा धारीवाल के बंगले के गेट से वापस लौट गए। उन्होंने कहा कि यहां 101 विधायक नहीं हैं।

भाजपा रख रही है नजर
राजस्थान में कांग्रेस पार्टी में जारी खींचतान के बीच भाजपा ने प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने की मांग की है। इसी क्रम में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने ट्वीट कर लिखा है कि ‘रूझान आने प्रारंभ, जय भाजपा-तय भाजपा’।

लगेगा राष्ट्रपति शासन
उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने भी ट्वीट कर सीएम गहलोत से इस्तीफे की मांग की है। उन्होंने लिखा कि ‘राजस्थान में मौजूदा राजनीतिक हालात राष्ट्रपति शासन की ओर इशारा कर रहे हैं। मुख्यमंत्रीजी, आप नाटक क्यों कर रहे हो? मंत्रिमंडल के इस्तीफे के बाद अब देरी कैसी? आप भी इस्तीफा दे दीजिए। इसके अलावा केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने भी ट्वीट कर लिखा कि ‘बाड़ेबंदी की सरकार एक बार फिर बाड़े में जाने को तैयार’। प्रदेश में ऐसी ही परिस्थितियां रही तो विधायकों की एक बार फिर बाड़ाबंदी हो सकती है।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.