राजस्थान में विधानसभा चुनाव के लिए 6 नवंबर को नामांकन प्रक्रिया का दौर थम गया। अब 9 नवंबर तक प्रत्याशी अपना नाम वापस ले सकते हैं। हालांकि, 7 नवंबर को नामांकन पत्रों की जांच होगी। इसके बाद नाम वापस लेने का दौर शुरू होगा। नामांकन प्रक्रिया का दौर थमने के साथ ही भाजपा की मुश्किलें भी बढ़ गईं, क्योंकि प्रदेश भर में करीब दो दर्जन से ज्यादा नेताओं ने बगावती तेवर अख्तियार करते हुए नामांकन पत्र दाखिल किया है। ऐसे में पार्टी इन बागियों की मान मनुहार में जुट गई है।
अपनों की नाराजगी से परेशान भाजपा
प्रदेश में भाजपा के लिए कांग्रेस से ज्यादा अपनों की नाराजगी चिंता का सबक बनी हुई है। विधानसभा सीटों पर दो दर्जन से ज्यादा उन उम्मीदवारों ने नामांकन दाखिल किया है, जो पार्टी के मजबूत फेस माने जाते हैं। इसमें शाहपुरा से भाजपा से निलम्बित वरिष्ठ नेता कैलाश मेघवाल, चित्तौड़ से चंद्रभान सिंह आक्या, सवाई माधोपुर से आशा मीणा, बांसवाड़ा से हकरु मईड़ा, सांचौर से दानाराम शिवाराम, झोटवाड़ा से राजपाल सिंह शेखावत, आशु सिंह शेखावत, बयाना से ऋतु बनावत, बाड़मेर से प्रियंका चौधरी का नाम शामिल है। इसी प्रकार डग से रामचंद्र सुनारीवाल, गढ़ी से लक्ष्मणलाल डिंडोरी, सिविल लाइंस से दिनेश सैनी, शिव से रविन्द्र सिंह भाटी, भीलवाड़ा से अशोक कोठारी, डीडवाना से यूनुस खान और बागीदौरा से खेमराज गरासिया का नाम शामिल है।
इन्होंने भी कर दी बगावत
इनके अलावा कोटपूतली से मुकेश गोयल, सीकर से ताराचंद धायल, फतेहपुर से मधुसूदन भिंडा, लाडपुरा से भवानी सिंह राजावत, झुंझुनू से राजेन्द्र भाम्भू, पिलानी से कैलाश मेघवाल, खंडेला से पूर्व मंत्री बंशीधर बाजिया, संगरिया से गुलाब सिंवर ने पार्टी के खिलाफ जाकर निर्दलीय नामांकन पत्र दाखिल किया।
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6 नवंबर को नामांकन प्रक्रिया पूरी
6 नवंबर को दोपहर तीन बजने के साथ ही नामांकन प्रक्रिया पूरी हो गई। नामांकन वापस लेने की आखिरी तारीख नौ नवंबर है। ऐसे में भाजपा की ओर से दावा किया जा रहा है कि जो भी पार्टी के कार्यकर्ताओं और नेता नाराज होकर नामांकन पत्र दाखिल किए हैं, उन्हें मना लिया जाएगा। पार्टी की प्रदेश प्रवक्ता राखी राठौड़ ने कहा कि यह सब परिवार के सदस्य हैं। टिकट के लिए सब अपने-अपने उम्मीदवारी रखते हैं, लेकिन टिकट किसी एक को ही मिलता है। कुछ लोग होते हैं, जो इससे नाराज होकर नामांकन पत्र दाखिल कर देते हैं। सबको मना लिया जाएगा। सभी परिवार के सदस्य हैं। पार्टी में किसी तरह की कोई बगावत नहीं है और न ही बागियों से कोई चिंता है। उन्होंने कहा कि डैमेज कंट्रोल के लिए कमेटी बनाई गई है। कमेटी जल्द ही इन सब से बात करके उनसे नाम वापस लेने को कहेगी।