Rajasthan UCC: उत्तराखंड (Uttarakhand) के बाद, पुरे देश में समान नागरिक संहिता (uniform civil code) (यूसीसी) की मांग तेज हो गई है। भाजपा शासित (BJP ruled) राज्यों समान नागरिक संहिता (यूसीसी) पेश करने की अतिरिक्त दबाव है। इसी के मद्देनजर राजस्थान (Rajasthan) सरकार समान नागरिक संहिता (यूसीसी) योजना बना रही है और राजस्थान के मंत्रियों की मंत तो यूसीसी विधेयक लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections) के बाद अगले विधानसभा सत्र (assembly session) में पेश किया जाएगा।
स्कूल शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने 6 फ़रवरी को पत्रकारों से बातचीत में कहा, ”आज नहीं तो कल, लेकिन हम इसे लाएंगे। हम इसे कब लाएंगे, मैं नहीं कह सकता। सबके लिए एक समान कानून होना चाहिए। लोगों के लिए अलग-अलग कानून लोगों को नुकसान पहुंचाते हैं और एकता नजर नहीं आती। पूरे देश को एकजुट होना चाहिए।” दिलावर ने 6 फ़रवरी को गुजरात कार्यकर्ता तंज़ीम मेरानी को लिखे एक पत्र में यूसीसी का भी उल्लेख किया, जो स्कूलों में हिजाब पर प्रतिबंध लगाने के लिए जयपुर में धरने पर बैठे थे। दिलावर ने पत्र में कहा, ”यूसीसी के लिए ड्राफ्ट कमेटी गठित करने का विषय जल्द ही कैबिनेट बैठक में रखा जाएगा और संवैधानिक प्रक्रियाओं के तहत आगे की कार्रवाई की जाएगी.”
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जून-जुलाई सत्र में आएगा विधेयक
लोक स्वास्थ्य अभियंत्रण विभाग (पीएचईडी) के कैबिनेट मंत्री कन्हैया लाल ने कहा, ”हम इस पर सीएम से चर्चा करेंगे और यह मेरी भी इच्छा है। इसे राज्य विधानसभा के माध्यम से शत-प्रतिशत पारित कर लागू किया जाएगा और इसे न केवल राजस्थान बल्कि पूरे देश में लागू किया जाएगा। हम (यूसीसी पास करने वाला) दूसरा राज्य बनने की कोशिश करेंगे।” उन्होंने कहा कि हालांकि वर्तमान सत्र में पर्याप्त समय नहीं हो सकता है, सरकार इसे अगले “जून-जुलाई” सत्र में लाएगी।
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अनुसूचित जनजातियों को मिलेगी छूट
उत्तराखंड विधानसभा ने मंगलवार को यूसीसी बिल पेश किया था। अनुसूचित जनजातियों को इसके दायरे से छूट देते हुए, विधेयक सभी नागरिकों के लिए, चाहे उनका धर्म कुछ भी हो, विवाह, तलाक, संपत्ति की विरासत और लिव-इन रिलेशनशिप पर एक सामान्य कानून का प्रस्ताव करता है।