Rajnath Singh in Russia: राष्ट्रपति पुतिन से मिले राजनाथ सिंह, इन मुद्दों पर हुई चर्चा

दोनों नेताओं ने कहा कि दोनों देशों के बीच साझेदारी में अपार संभावनाएं हैं और संयुक्त प्रयास उल्लेखनीय परिणामों का मार्ग प्रशस्त करेंगे।

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Rajnath Singh in Russia: रक्षा मंत्री (Defence Minister) राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने मंगलवार (10 दिसंबर) को क्रेमलिन (Kremlin) में भारत-रूस अंतर-सरकारी सैन्य एवं सैन्य सहयोग आयोग (21st session of the India-Russia Inter-Governmental Commission on Military and Military Cooperation) (आईआरआईजीसी-एमएंडएमटीसी) (IRIGC-M&MTC) के 21वें सत्र के इतर रूसी राष्ट्रपति (Russian President) व्लादिमीर पुतिन (Vladimir Putin) से मुलाकात की। केंद्रीय मंत्री ने राष्ट्रपति पुतिन को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से हार्दिक शुभकामनाएं दीं।

रक्षा मंत्रालय के अनुसार, सिंह ने द्विपक्षीय रक्षा सहयोग के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की। दोनों नेताओं ने कहा कि दोनों देशों के बीच साझेदारी में अपार संभावनाएं हैं और संयुक्त प्रयास उल्लेखनीय परिणामों का मार्ग प्रशस्त करेंगे। बैठक के दौरान राजनाथ सिंह ने कहा, “हमारे देशों के बीच दोस्ती सबसे ऊंचे पर्वत से भी ऊंची और सबसे गहरे महासागर से भी गहरी है।” उन्होंने कहा, “भारत हमेशा अपने रूसी मित्रों के साथ खड़ा रहा है और भविष्य में भी ऐसा करता रहेगा।”

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रूसी समकक्ष आंद्रे बेलौसोव से मुलाकात की
इससे पहले दिन में रक्षा मंत्री ने मॉस्को में मेरे रूसी समकक्ष आंद्रे बेलौसोव के साथ सैन्य-तकनीकी सहयोग पर भारत-रूस अंतर-सरकारी आयोग (आईआरआईजीसी एमएंडएमटीसी) की एक बहुत ही उत्पादक बैठक की। सिंह ने एक एक्स पोस्ट में कहा, “मॉस्को में मेरे रूसी समकक्ष आंद्रे बेलौसोव के साथ आईआरआईजीसी-एमएंडएमटीसी की एक बहुत ही उत्पादक बैठक हुई। द्विपक्षीय रक्षा संबंधों की पूरी श्रृंखला की समीक्षा करते हुए, हमने दोनों देशों के बीच सहयोग को गहरा करने के तरीकों पर चर्चा की। हम भारत-रूस विशेष और विशेषाधिकार प्राप्त रणनीतिक साझेदारी को और मजबूत करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।”

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INS तुशील के कमीशनिंग समारोह में लिया हिस्सा
सिंह ने रूस के कलिनिनग्राद में INS तुशील के कमीशनिंग समारोह में भाग लिया। उन्होंने एक पोस्ट में कहा, “कलिनिनग्राद (रूस) के यंतर शिपयार्ड में नवीनतम मल्टी-रोल स्टील्थ-गाइडेड मिसाइल फ्रिगेट, INS तुशील के कमीशनिंग समारोह में भाग लेकर बहुत प्रसन्न हूं। यह जहाज भारत की बढ़ती समुद्री ताकत का गौरवशाली प्रमाण है और रूस के साथ दीर्घकालिक द्विपक्षीय संबंधों में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है।”

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आईएनएस तुशील परियोजना
रक्षा मंत्रालय की पिछली प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, आईएनएस तुशील परियोजना 1135.6 का एक उन्नत क्रिवाक III श्रेणी का फ्रिगेट है, जिसमें से छह पहले से ही सेवा में हैं – तीन तलवार श्रेणी के जहाज, जो सेंट पीटर्सबर्ग के बाल्टिस्की शिपयार्ड में निर्मित हैं, और तीन अनुवर्ती टेग श्रेणी के जहाज, जो कैलिनिनग्राद के यंतर शिपयार्ड में निर्मित हैं। विज्ञप्ति के अनुसार, श्रृंखला का सातवां आईएनएस तुशील दो उन्नत अतिरिक्त अनुवर्ती जहाजों में से पहला है, जिसके लिए अनुबंध पर अक्टूबर 2016 में जेएससी रोसोबोरोनएक्सपोर्ट, भारतीय नौसेना और भारत सरकार के बीच हस्ताक्षर किए गए थे।

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