रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने वीर सावरकर पर लिखित पुस्तक के विमोचन में सावरकर के जीवन के संदर्भ में कई बातों को लोगों समक्ष रखा। रक्षामंत्री ने स्पष्ट रूप से कहा कि वीर सावरकर का इतिहास ऐसे लोगों ने लिखा जो उनको नहीं चाहते और न ही जानते थे। जिस मर्सी पेटिशन के लिए वीर सावरकर को बदनाम किया जाता है, उस पर भी उन्होंने बड़ी बात कही।
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राजनाथ सिंह के संबोधन की प्रमुख बातें…
- राजनाथ सिंह ने कहा कि, वीर सावरकर ने गांधी जी के कहने पर मर्सी पेटिशन किया था।
- यह अंग्रेजों की कैद में बंदियों को मिलनेवाली सुविधा थी। यह मात्र आवेदन था और वीर सावरकर प्रखर राष्ट्रवादी थे।
- सावरकर का प्रखर राष्ट्रवाद ही था कि अग्रेजों ने उन्हें दोहरा आजीवन कारावास दिया था।
- वे जोसेफ मैजिनी और गैरीबाल्डी से प्रभावित थे और सशस्त्र क्रांति में उनका विश्वास था।
- सावरकर न तो नाजी और न ही फासिस्ट थे, बल्कि वे प्रखर राष्ट्रवादी थे।
- 20वीं सदी के वे सबसे बड़े सामरिक कूटनीतिज्ञ थे। जिन्होंने अखंड से अलग इस्लामी राष्ट्र के निर्माण की भविष्यवाण की थी।
- इसके अलावा चीन को लेकर भी उन्होंने युद्द की चेतावनी दी थी।
- वीर सावरकर सामज सुधारक भीथ, उनके विचारों ने आंबेडकर के विचारों को प्रेरित किया था।
- सावरकर के हिंदुत्व में राष्ट्रवाद अभिन्न अंग है मानवता उसका अधिकार है।
- देश को सामरिक, सांस्कृतिक रूप से एक करने में उनका बड़ा योगदान रहा है
- वीर सावरकर व्यक्ति नहीं विचार थे, हैं और रहेंगे
- सावरकर साहस हैं, सावरकर सम्मान हैं, सावरकर स्वाभिमान हैं, सावरकर सामर्थ्य हैं, सावरकर संयम हैं, सावरकर भारत के सनातन का अभिन्न अंग हैं