Rajya Sabha Election 2022: जानिये, परिणाम आने के बाद कैसे बदलेगा राज्यसभा का गणित?

जिन सांसदो का कार्यकाल पूरा हो रहा है, उनमें भाजपा के 26, कांग्रेस के छह, डीएमके, एआईएडीएमके, सपा और बीजद के 3-3 सदस्य शामिल हैं।

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संसद के ऊपरी सदन यानी राज्यसभा में सदस्यों की संख्या में बड़ा बदलाव होने जा रहा है। 10 जून की देर शाम तक दलीय स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। फिलहाल देश के चार राज्यों में 16 सीटों के लिए मतदान हो चुका है। कुल सीट जहां 16 हैं, वहीं उम्मीदवार 21 होने से चुनाव दिलचस्प हो गया है। इसके परिणाम आने के बाद राज्यसभा की स्थिति बदल जाएगी। इससे पहले देश के 15 राज्यों की 57 सीटों के लिए राज्यसभा चुनाव में नामांकन प्रक्रिय पूरी हो गई। इनमें से 11 प्रदेशों की 41 सीटों पर उम्मीदवारों का निर्वाचन निर्विरोध हो गया, जिनमें 14 में भाजपा उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है।

फिलहाल चार राज्यों महाराष्ट्र, कर्नाटक, हरियाणा और राजस्थान में जो दलीय स्थिति है, उसके अनुसार 6 सीटों पर भारतीय जनता पार्टी की जीत तय है। इनमें महाराष्ट्र में दो, कर्नाटक में दो, राजस्थान में 1 तथा हरियाणा में 1 शामिल है। इन सीटों पर मतदान जारी है। देर शाम तर परिदृश्य पूरी तरह साफ होने की उम्मीद है। इस परिणाम के बाद राज्यसभा की स्थित बदलना तय है।

25 मई तक की स्थिति
फिलहाल सदन में भारतीय जनता पार्टी के 95 सांसद हैं। 29 सांसदों के साथ कांग्रेस दूसरी सबसे बड़ी पार्टी है। तृणमूल कांग्रेस पार्टी 13, डीएमके के 10, बीजद और आम आदमी पार्टी के 8-8, टीआरएस के 7, वाईएसआर कांग्रेस के 6, सीपीएम , एआईएडीएमके, समाजवादी पार्टी, राजद और जदयू के पांच-पांच सांसद हैं। इनके आलावा राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के चार, बसपा और शिवसेना के तीन-तीन सांसद हैं। इनके साथ ही मनोनीत सांसदों की संख्या पांच है। सीपीआई के दो सांसदों के साथ ही एक-एक सांसदो वाली पार्टियां भी हैं। इनकी कुल संख्या 17 है।

57 सीटों में पार्टी की स्थिति
जिन 57 सीटों पर चुनाव हो रहे हैं, इनमें से उत्तर प्रदेश 11, महाराष्ट्र, तमिलनाडु 6-6, बिहार 5, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, राजस्थान की चार-चार, ओडिशा, मध्य प्रदेश की तीन-तीन, झारखंड, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, हरियाणा, पंजाब की दो-दो और उत्तराखंड की एक सीट शामिल है।

भाजपा के सबसे ज्यादा सांसद हो रहे हैं रिटायर
इनमें से जिन सांसदो का कार्यकाल पूरा हो रहा है, उनमें भाजपा के 26, कांग्रेस के छह, डीएमके, एआईएडीएमके, सपा और बीजद के 3-3 सदस्य शामिल हैं। टीआरएस और बसपा के दो-दो, वाईएसआर कांग्रेस, एनसीपी, शिवसेना, राजद, जदयू व अकाली दल के एक-एक सांसद हैं। भाजपा के समर्थन से विजयी निर्दलीय सुभाष चंद्रा का भी कार्यकाल 2 अगस्त को खत्म हो रहा है। इनके साथ ही कांग्रेस के ऑस्कर फर्नांडीस के निधन से खाली सीट और जदयू के कोटे से जीते शरद यादव की रिक्त सीट भी शामिल हैं। इन दोनों सीटों को मिलाकर कांग्रेस के सात और जदयू के दो सांसद कम हो रहे हैं।

चार राज्यों में आएंगे परिणाम
जिन चार राज्यों की 16 सीटों के लिए 10 जून को मतदान के साथ परिणाम आने हैं, उनमें महाराष्ट्र , राजस्थान, हरियाणा और कर्नाटक शामिल हैं।

महाराष्ट्र
महाराष्ट्र में छह सीटों के लिए चुनाव हुए हैं। यहां भाजपा के दो, शिवसेना, राकांपा औप कांग्रेस के एक-एक उम्मीदवार आसानी से जीत जाएंगे, लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने तीसरा धनंजय महाडिक और शिवसेना ने दूसरा संजय पवार को मैदान में उतारकर चुनाव को दिलचस्प बना दिया है। कहने का अर्थ है कि छह सीटों के लिए यहां सात उम्मीदवार के मैदान में उतरने से टेंशन बढ़ गई है।

कर्नाटक
कर्नाटक में सबसे दिलचस्प मुकाबला है। इस प्रदेश में चार सीटों के लिए चुनाव होने हैं। लेकिन छह उम्मीदवारों के मैदान में उतरने से मामला दिलचस्प हो गया है। इनमें भाजपा के तीन, कांग्रेस के दो और जेडीएस के एक उम्मीदवार ताल ठोंक रहे हैं। यहां की स्थिति देखें तो भाजपा को दो और कांग्रेस को एक सीट मिलना निश्चित है। लेकिन चौथी सीट को लेकर भाजपा और कांग्रेस में रस्साकशी है।

राजस्थान
राजस्थान में रिक्त चारों सीटें भाजपा के पास है। यहां भाजपा को तीन सीटों का नुकसान हो रहा है। पार्टी के एक उम्मीदवार की जीत निश्चित है, जबकि कांग्रेस के दो उम्मीदवारों की जीत निश्चित है। चौथी सीट के लिए संघर्ष जारी है। इस सीट के लिए भाजपा समर्थित निर्दलीय उम्मीदवार सुभाष चंद्रा का कांग्रेस उम्मीदवार से मुकाबला है।

हरियाणा
हरियाणा में दो सीटों के लिए मतदान हो रहा है। इनमें से एक सीट भाजपा के हिस्से में आना तय है, दूसरी सीट पर कांग्रेस के अजय माकन का मुकाबला भाजपा समर्थित निर्दलीय कार्तिकेय शर्मा से है।

भाजपा को होगा नुकसान?
-परिणाम आने के बाद भाजपा को 20 से 23 सीट मिलेगी। इनमें से 14 पहले ही निर्विरोध चुन लिए गए हैं। जिन प्रदेशों में चुनुाव हो रहे हैं, उनमें सात सीटें मिलेंगी। इस तरह देखें तो भाजपा के सेवामुक्त हो रहे 26 सांसदों के मुकाबले नए सांसदों की संख्या कम होगी। उसे तीन से पांच सीट का नुकसान हो रहा है।

-कांग्रेस की बात करें तो उसकी सांसदों की संख्या 8 से 11 के बीच होगी। इस हिसाब से उसे रिटायर हो रहे पांच सांसदों की तुलना में 2 से 5 सीटों का लाभ होगा। आम आदमी पार्टी की सीटों की संख्या भी बढ़कर 10 तक हो जाएगी।

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