Rajya Sabha elections: राज्यसभा चुनाव (Rajya Sabha elections) के लिए उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) से भाजपा (BJP) के आठवें उम्मीदवार संजय सेठ (Sanjay Seth) ने 15 फरवरी (गुरुवार) को अपना नामांकन दाखिल किया। गुरुवार को नामांकन का अंतिम दिन था। भाजपा के इस फैसले से आठवें सीट पर सपा की राह अब आसान नहीं रह गई है।
संजय सेठ ने भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी (Bhupendra Chaudhary), उप मुख्यमंत्री केशव मौर्य (Keshav Maurya) समेत प्रमुख नेताओं की मौजूदगी में विधानसभा के कक्ष में बने निर्वाचन कार्यालय में अपना नामांकन दाखिल किया। प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने पत्रकारों से बातचीत में दावा किया कि पार्टी के आठों प्रत्याशी चुनाव जीतेंगे। विधानसभा में हमारे पास दो तिहाई से अधिक बहुमत है। उत्तर प्रदेश में राज्यसभा की 10 सीटों पर चुनाव हो रहा है। नामांकन की आखिरी तारीख 15 फरवरी है। आवश्यक होने पर मतदान 27 फरवरी को होगा और नतीजे भी उसी दिन मतगणना के बाद घोषित कर दिए जाएंगे।
प्रदेश अध्यक्ष श्री @Bhupendraupbjp एवं उपमुख्यमंत्री श्री @kpmaurya1, विधानसभा लखनऊ में उत्तर प्रदेश से राज्यसभा (द्विवार्षिक चुनाव) प्रत्याशी श्री @MpSanjayseth के नामांकन कार्यक्रम में सम्मिलित हुए।#BJP4IND #BJP4UP pic.twitter.com/QDdkds4Srh
— BJP Uttar Pradesh (@BJP4UP) February 15, 2024
संजय सेठ ने भाजपा से भरा नामांकन
इस चुनाव में भाजपा पहले ही अपनी पार्टी के विधायकों के संख्या बल के हिसाब से सात उम्मीदवारों को मैदान में उतार चुकी है। सभी उम्मीदवारों ने 14 फरवरी (बुधवार) को अपना नामांकन भी दाखिल कर दिया था। वहीं सपा ने अपनी पार्टी के विधायकों की संख्या के हिसाब से तीन सीटों पर उम्मीदवार उतारे हैं, लेकिन संजय सेठ के नामांकन करने से सपा की चुनावी गणित गड़बड़ा गई है। संजय सेठ सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के बेहद करीबी माने जाते थे। वह सपा के कोषाध्यक्ष भी रह चुके हैं, लेकिन उन्होंने पाला बदलते हुए भाजपा उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल कर दिया।
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विधानसभा में कांग्रेस के दो सदस्य
उत्तर प्रदेश की 403 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा के 252, सपा के 108 और कांग्रेस के दो सदस्य हैं। सदन में भाजपा के सहयोगी अपना दल (सोनेलाल) के 13 और निषाद पार्टी के 06 विधायक हैं। रालोद के 09, सुभासपा के 06, जनसत्ता दल लोकतांत्रिक के 02 और बसपा का 01 सदस्य है। उप्र में राज्यसभा प्रत्याशी को जीतने के लिए 37 विधायकों के प्रथम वरीयता के वोट चाहिए।