Rajya Sabha: सूत्रों के अनुसार, राज्यसभा (Rajya Sabha) के उपसभापति हरिवंश (Vice Speaker Harivansh) ने 19 दिसंबर (गुरुवार) को उपराष्ट्रपति (Vice President) जगदीप धनखड़ (Jagdeep Dhankhar) को हटाने की मांग को लेकर विपक्ष द्वारा दिए गए महाभियोग नोटिस (Impeachment Notice) को खारिज कर दिया।
करीब 60 विपक्षी सांसदों ने 10 दिसंबर को धनखड़ को उनके पद से हटाने की मांग करते हुए नोटिस पर हस्ताक्षर किए थे, जिसमें आरोप लगाया गया था कि उनका रवैया पक्षपातपूर्ण है और वह भाजपा का पक्ष लेते हैं।
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‘नोटिस जल्दबाजी में और प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के लिए तैयार किया गया’
राज्यसभा के महासचिव पी सी मोदी द्वारा सदन में पेश किए गए अपने फैसले में उपसभापति ने कहा कि यह अनुचित कार्य है, इसमें गंभीर खामियां हैं और यह उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के लिए जल्दबाजी में तैयार किया गया है। उपसभापति द्वारा दिए गए फैसले में कहा गया है, “नोटिस को अनुचित, गंभीर, त्रुटिपूर्ण, स्पष्ट रूप से जल्दबाजी में तैयार किया गया कार्य माना जाता है, ताकि वर्तमान उपराष्ट्रपति की प्रतिष्ठा को धूमिल किया जा सके और संवैधानिक संस्था को नुकसान पहुंचाया जा सके। इसे खारिज किया जाता है।”
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अविश्वास प्रस्ताव के लिए नियम
नियम के अनुसार, अविश्वास प्रस्ताव के लिए 14 दिन का नोटिस पीरियड जरूरी होता है और जब नोटिस दिया गया, तब शीतकालीन सत्र में सिर्फ 10 दिन बचे थे। प्रस्ताव को राज्यसभा में साधारण बहुमत से पारित होना चाहिए और राज्यसभा के बाद प्रस्ताव को लोकसभा से भी मंजूरी मिलनी चाहिए। संविधान के अनुच्छेद 67 (बी) में चेयरमैन को हटाने का अधिकार दिया गया है।
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इंडी ब्लॉक के आरोप
इंडी ब्लॉक ने आरोप लगाया कि धनखड़ का रवैया पक्षपातपूर्ण है और वह भाजपा का पक्ष लेते हैं। आरोप है कि धनखड़ विपक्षी सदस्यों को बोलने नहीं देते। विपक्षी सांसदों के माइक बंद किए जा रहे हैं और विपक्षी सदस्यों पर बार-बार टिप्पणियां की जा रही हैं।
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