Assembly elections: हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए नामांकन प्रक्रिया समाप्त होते ही भाजपा चुनावी रैलियों की शुरुआत करेगी। विधानसभा चुनाव प्रचार के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह के अलावा केंद्र के कई मंत्री व भाजपा के कई बड़े नेता इन चुनावी रैलियों को संबोधित करेंगे।
भाजपा के राष्ट्रीय व वरिष्ठ नेताओं की रैलियों तथा प्रचार की रूपरेखा को तैयार करने के लिए चंडीगढ़ स्थित मुख्यमंत्री आवास पर मंगलवार की रात बैठक हुई। बैठक में भाजपा अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली, प्रदेश संगठन मंत्री फणींद्र शर्मा समेत कई नेता मौजूद रहे।
प्रचार की रणनीति को लेकर रोडमैप तैयार
बैठक के बाद 4 सितंबर को चंडीगढ़ में पत्रकारों से बातचीत करते हुए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बड़ौली ने बताया कि बीती रात हुई बैठक में प्रचार की रणनीति को लेकर रोडमैप तैयार किया गया है। उन्होंने बताया कि सभी जिलों में केंद्रीय मंत्रियों तथा केंद्रीय नेताओं के प्रवास कार्यक्रम तय किए गए हैं। इसके अलावा विधानसभा हलकों को कलस्टर में बांटकर रैलियों के आयोजन का कार्यक्रम बनाया गया है। बड़ौली ने बताया कि पार्टी इस प्रकार से रैलियों का आयोजन करेगी और सभी 90 विधानसभा क्षेत्रों को कवर किया जाएगा। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय नेतृत्व से टिकटों का ऐलान किए जाने के बाद सभी प्रत्याशी नामांकन दाखिल करेंगे। नामांकन के तुरंत बाद ही रैलियों का दौर शुरू कर दिया जाएगा।
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कुछ विधानसभा क्षेत्रों में प्रत्याशियों के नाम पर चर्चा
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि इस बैठक में कुछ विधानसभा क्षेत्रों में प्रत्याशियों के नाम पर भी चर्चा की गई है। विनेश फौगाट के कांग्रेस नेताओं के साथ बैठक करने पर बड़ौली ने कहा कि भाजपा सरकार ने खिलाडिय़ों को उचित मान-सम्मान दिया है। यह खिलाडिय़ों का अपना फैसला है कि वह किस बैनर तले जाकर राजनीति करते हैं। गठबंधन को लेकर स्थिति साफ करते हुए बड़ौली ने कहा कि गोपाल कांडा के नेतृत्व वाली हरियाणा लोकहित पार्टी द्वारा पहले ही भाजपा को समर्थन दिया जा चुका है। उन्होंने अपने अलावा एक और सीट की मांग की थी। जिसे पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को अगवत करवा दिया गया था। अब इस बारे में फैसला हाईकमान द्वारा लिया जाएगा। कांग्रेस व आम आदमी पार्टी के बीच गठबंधन की खबरोंं पर बड़ौली ने कहा कि कांग्रेस की पोल चुनाव से पहले ही खुल गई है। संभावित हार को देखते हुए कांग्रेस ने स्वयं आगे आकर आम आदमी पार्टी के सामने गठबंधन का प्रस्ताव रखा है। इससे कांग्रेस की कमजोरी सबके सामने आ गई है।