रानिल विक्रमसिंघे बने श्रीलंका के राष्ट्रपति,134 वोट प्राप्त कर दर्ज की जीत

रानिल विक्रसिंघे श्रीलंका के आठवें नए राष्ट्रपति होंगे। उन्होंने 134 वोट प्राप्त कर चुनाव जीत लिया है। चुनाव जीतने के बाद विक्रमसिंघे ने कहा कि देश के सामने इस समय बेहद कठिन परिस्थितियां हैं। हमारे सामने बड़ी चुनौतियां भी हैं।

127

श्रीलंका में रानिल विक्रमसिंघे को नया राष्ट्रपति चुन लिया गया है। सांसदों ने उन्हें 134 मत देकर इस गरिमामय पद के लिए चुना। कुल 225 संसदीय सदस्यों में 134 वोट विक्रमसिंघे को हासिल हुए।

चुनाव के दौरान सभी सांसद उपस्थित थे। संसद में पूर्व प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे भी उपस्थित थे। इस चुनाव के लिए सुरक्षा व्यवस्था काफी बढ़ाई गई थी।

सभी पार्टियों ने अपने सांसदों को अपने वोट की तस्वीरें क्लीक करने का आदेश दिया था। इसके साथ ही फोन नहीं लाने का भी आदेश जारी किया था। विक्रमसिंघे श्रीलंका के आठवें राष्ट्रपति होंगे। इससे पहले वे वहां के कार्यवाहक राष्ट्रपति थे और वे देश को आर्थिक सकंट से निकालने की कोशिश कर रहे थे।

हालांकि वर्तमान में कोलंबो में राष्ट्रपति सचिवालय में कार्यवाहक राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे के खिलाफ जनता का मौन विरोध प्रदर्शन चल रहा है। इस बीच एक बार फिर देश को आर्थिक संकट से उबारने की जिम्मेदारी उनके ही कंधों पर आ गई है।

इस बीच सवाल यह भी पूछे जा रहे हैं कि क्या फिलहाल मालदीव में रह रहे देश के पूर्व राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे स्वदेश लौटेंगे। हालांकि देश की स्थिति देखते हुए यह कहना मुश्किल है।

भयावह आर्थिक संकट से गुजर रहा है श्रीलंका
श्रीलंका में भयावह आर्थिक संकट के बीच पहले प्रधानमंत्री महिंदा राजपक्षे, फिर राष्ट्रपति गोटबाया राजपक्षे को इस्तीफा देना पड़ा था। जनाक्रोश के जलते गोटबाया को तो देश छोड़कर भाग जाना पड़ा था। ऐसे में महिंदा राजपक्षे को हटाकर प्रधानमंत्री बनाए गए रानिल विक्रमसिंघे को राष्ट्रपति का कार्यभार सौंपा गया था। इसके बाद बुधवार को संसद में मतदान के माध्यम से नए राष्ट्रपति का चुनाव कराया गया। कार्यवाहक राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे के अलावा सत्तारूढ़ श्रीलंका पोदुजाना पेरामुना (एसएलपीपी) पार्टी के सदस्य दुल्लास अल्हाप्पेरुमा व वामपंथी जनता विमुक्ति पेरामुना (जेवीपी) के अनुरा कुमारा दिसानायके भी राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार थे।

इस तरह रहा चुनाव का परिणाम
20 जुलाई की सुबह मतदान शुरू होते ही स्पष्ट होने लगा था कि कार्यवाहक राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे को ही श्रीलंका के सांसद स्थायी राष्ट्रपति की जिम्मेदारी सौंपने वाले हैं। चुनाव के बाद 134 वोट पाकर रानिल ने यह बात सही भी साबित कर दी। दुल्लास अल्हाप्पेरुमा को 82 और अनुरा कुमारा दिसानायके को सिर्फ तीन सांसदों का समर्थन मिला। इस तरह रानिल विक्रमसिंघे औपचारिक रूप से श्रीलंका के राष्ट्रपति चुन लिए गए।

बड़ी चुनौतीः विक्रमसिंघे
चुनाव जीतने के बाद विक्रमसिंघे ने कहा कि देश के सामने इस समय बेहद कठिन परिस्थितियां हैं। हमारे सामने बड़ी चुनौतियां भी हैं। उन्होंने उम्मीद जताई कि वे देश में सभी के साथ मिलकर इन चुनौतियों का सामना कर लेंगे, ताकि इन कठिन परिस्थितियों से देश को बाहर निकाला जा सके।

Join Our WhatsApp Community
Get The Latest News!
Don’t miss our top stories and need-to-know news everyday in your inbox.