आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला की बढ़ रही हैं मुश्किलें! जानिये कैसे

वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी रश्मि शुक्ला को मुंबई साइबर सेल द्वारा नोटिस जारी किया गया है। यह नोटिस राज्य के अतिरिक्त सचिव की मंजूरी के बिना फोन टैपिंग मामले में जारी किया गया है।

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सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) में एडिशनल डायरेक्टर जनरल (एडीजी) रश्मि शुक्ला को मुंबई साइबर सेल ने पूछताछ के लिए बुलाया है। उन्हें नोटिस भेजकर 28 अप्रैल को अपना बयान दर्ज कराने के लिए साइबर सेल के कार्यालय में बुलाया गया है। रश्मि शुक्ला को सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 43 व 46 के ऑफिशियल सिक्रेट एक्ट 05 के तहत यह नोटिस जारी किया गया है।

मिली जानकारी के अनुसार वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी को यह नोटिस राज्य के अतिरिक्त सचिव की मंजूरी के बिना फोन टैपिंग मामले में जारी किया गया है। इस मामले में राज्य सकार की ओर से मुबंई साइबर सेल में मामला दर्ज कराया गया है।

डेढ़ महीने से चर्चा मे रश्मि शुक्ला
बता दें कि महाराष्ट्र के पुुलिस विभाग और राजनीति में पिछले करीब डेढ़ महीने से आईपीएस रश्मि शुक्ला के नाम की चर्चा चरम पर है। उनके बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करने से पहले वह सन्दर्भ जान लेते हैं, जिस वजह से उनके नाम पर इतनी जबरदस्त चर्चा हो रही है और जिसे लेकर उन्हें मुंबई की साइबर सेल ने नोटिस जारी किया है।

पूर्व मुंबई पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह का दावा
मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर और वर्तमान में महाराष्ट्र राज्य होमगार्ड प्रमुख परमबीर सिंह ने रश्मि शुक्ला का नाम अपनी याचिका मे लिया था। उन्होंने दावा किया था कि रश्मि  शुक्ला को अनिल देशमुख के काले कारनामों के बारे में पूरी जानकारी है। उन्होंने फोन टैपिंग के आधार पर उनके खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे और कहा था कि उनके पास देशमुख के खिलाफ पुख्ता सबूत हैं।

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 पुलिस महानिदेशक से की थी शिकायत
अपनी याचिका में सिंह ने दाव किया था कि टेलीफोन पर हुई बातचीट सुनने के बाद तत्कालीन स्टेट इंटेलिजेंस डिपार्टमेंट की आयुक्त रश्मि शुक्ला ने तबादले और मलाईदार पदों पर पोस्टिंग में अनिल देशमुख की हरकतों की जानकारी पुलिस महानिदेशक को दी थी। साथ ही रश्मि शुक्ला ने यह बात महाराष्ट्र सरकार के गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को भी बताई थी। सिंह का दावा है कि इसके बाद अनिल देशमुख के खिलाफ कार्रवाई की बजाय रश्मि शुक्ला को पद से हटा दिया गया था।

फडणवीस ने भी किया था दावा
परमबीर सिंह के साथ ही विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में रश्मि शुक्ला के नाम की चर्चा की थी। उन्होंने दावा किया था कि रश्मि शुक्ला को अनिल देशमुख के भ्रष्टाचार के बारे में पूरी जानकारी थी। इसी वजह से उनको पद से हटा दिया गया था।

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केंद्रीय सचिव को सौंपे थे सबूत
फडणवीस ने इंटेलिजेंस डिपार्टमेंट की वह रिपोर्ट भी जारी की थी, जिसमें बड़े पैमाने पर ट्रांसफर-पोस्टिंग में भ्रष्टाचार के ऑडियो सबूत के तौर पर हैं। फडणवीस ने केंद्रीय सचिव से मिलकर उन्हें 6.3 जीबी डाटा देने की बात कही थी। भाजपा नेता ने आरोप लगाया था कि रश्मि शुक्ला की यह रिपोर्ट सीएम उद्धव ठाकरे को भेजी गई थी, लेकिन सीएम ने कोई एक्शन नहीं लिया।

किरीट सोमैया ने साधा था निशाना
भाजपा नेता किरीट सोमैया ने भी इस मामले में महाराष्ट्र की उद्धव सरकार पर निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि हम दोषी के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहे हैं, लेकिन यह सरकार रश्मि शुक्ला के खिलाफ एक्शन लेना चाहती है।

आईपीएस रश्मि शुक्ला के बारे में खास बातें

  • तेज तर्रार आईपीएस रश्मि शुक्ला 1988 बैच की आईपीएस अधिकारी हैं। परमबीर सिंह भी इसी बैच के आईपीएस हैं।
  • वे इस वक्त सेंट्रल रिजर्व पुलिस फोर्स (सीआरपीएफ) में एडिशनल डायरेक्टर जनरल (एडीजी) के पोस्ट पर कार्यरत हैं।
  • इससे पहले वे डीजी( सिविल डिफेंस) के पद पर कार्यरत थीं।
  • वे स्टेट इंटिलिजेंस डिपार्टमेंट(एसआईडी) की कमिश्नर रह रह चुकी हैं। इस दौरान उन्होंने अनिल देशमुख की शिकायत की थी।
  • इससे पहले वे पुणे की पुलिस कमिश्नर रह चुकी हैं।
  • उन्होंने जियोलॉजिकल साइंस में मास्टर डिग्री प्राप्त की है।

इस आईपीएस अधिकारी ने भी ले ली केंद्र में प्रतिनियुक्ति 
अनिल देशमुख के गृह मंत्री बनने के बाद रश्मि शुक्ला के आलावा मुंबई के पुलिस कमिश्नर रहे सुबोध जायसवाल (1985 बैच) भी अब केंद्र में प्रतिनियुक्ति पर हैं। उन्हें पिछले वर्ष दिसंबर मे सीआईएसएफ का डीजी बनाया गया है। जायसवाल ने फर्जी स्टांप घोटाला मामले में एसआईटी प्रमुख रहते हुए मुंबई के तत्कालीन पुलिस कमिश्नर आरएस शर्मा को सेवानिवृत्ति से एक दिन पहले गिरफ्तार किया था। इस मामले की आंच राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता छगन भुजबल से होते हुए पार्टी प्रमुख शरद पवार तक पहुंची थी।

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