5 सालों में सलाहकार से बदलकर एक्शन प्लेटफॉर्म के रूप में आईं क्षेत्रीय परिषदें- Amit Shah

गृह मंत्री ने कहा कि यद्यपि क्षेत्रीय परिषदों की प्रकृति सलाहकार की है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में, क्षेत्रीय परिषदें विभिन्न क्षेत्रों में आपसी समझ और सहयोग के स्वस्थ समन्वय को बढ़ावा देने में एक महत्वपूर्ण कारक साबित हुई हैं।

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केन्द्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने 26 सितंबर को पंजाब के अमृतसर में उत्तरी क्षेत्रीय परिषद (Northern Regional Council) की 31वीं बैठक की अध्यक्षता की। बैठक में पंजाब, हरियाणा और हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्रियों, दिल्ली, जम्मू और कश्मीर और लद्दाख के उपराज्यपालों, चंडीगढ़ के प्रशासक, सदस्य राज्यों के वरिष्ठ मंत्रियों, केंद्रीय गृह सचिव, सचिव, अंतर राज्य परिषद सचिवालय, सदस्य राज्यों के मुख्य सचिवों और उत्तरी क्षेत्र के राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों और केंद्रीय मंत्रालयों और विभागों के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों ने भाग लिया।

एक्शन प्लेटफॉर्म में आईं क्षेत्रीय परिषदें
मंत्री ने अपने संबोधन में कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी (Narendra Modi) के नेतृत्व में पिछले 5 सालों में क्षेत्रीय परिषदों की भूमिका सलाहकार से बदलकर action platform के रूप में कारगर साबित हुई है। उन्होंने कहा कि उत्तरी क्षेत्रीय परिषद का देश के विकास और सुरक्षा की दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थान है और देश की 21 प्रतिशत भूमि और 13 प्रतिशत जनसंख्या के साथ 35 प्रतिशत से अधिक खाद्यान्न उत्पादन उत्तर क्षेत्र में ही होता है। शाह ने कहा कि देश की सीमाओं की रक्षा के लिए केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (CAPFs) और सेना में सबसे अधिक जवान उत्तरी क्षेत्रीय परिषद में शामिल राज्यों और केन्द्रशासित प्रदेशों से आते हैं।

सीमाओं पर होंगी एंटी-ड्रोन प्रणाली की तैनाती
गृह मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार को नारकोटिक्स और आतंकवाद पर नकेल कसने में कामयाबी मिली है। उन्होंने कहा कि सीमा पर सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद करने के प्रति मोदी सरकार कटिबद्ध है। उन्होंने कहा कि जल्द ही हमारी सीमाओं पर एंटी-ड्रोन प्रणाली (anti-drone system) की तैनाती होगी। गृह मंत्री ने उत्तरी क्षेत्रीय परिषद के सभी सदस्य राज्यों से पानी के बंटवारे संबंधी आपसी विवादों को खुले मन और आपसी विमर्श से सुलझाने का अनुरोध किया।

स्वस्थ समन्वय को मिला बढ़ावा
गृह मंत्री ने कहा कि यद्यपि क्षेत्रीय परिषदों की प्रकृति सलाहकार की है, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में, क्षेत्रीय परिषदें विभिन्न क्षेत्रों में आपसी समझ और सहयोग के स्वस्थ समन्वय को बढ़ावा देने में एक महत्वपूर्ण कारक साबित हुई हैं। क्षेत्रीय परिषदें सदस्यों के बीच उच्चतम स्तर पर व्यक्तिगत बातचीत का अवसर प्रदान करती हैं और सौहार्द और सद्भावना के माहौल में कठिन और जटिल प्रकृति के मुद्दों को हल करने के लिए एक उपयोगी मंच के रूप में कार्य करती हैं। क्षेत्रीय परिषदें, चर्चा और विचारों के आदान-प्रदान के माध्यम से, सामाजिक और आर्थिक विकास के महत्वपूर्ण मुद्दों पर राज्यों के बीच एक समन्वित दृष्टिकोण विकसित करने में मदद करती हैं। क्षेत्रीय परिषदें राज्यों के सामान्य हित के मुद्दों पर भी चर्चा और सिफारिशें करती हैं।

इन मुद्दों पर हुई चर्चा
बैठक में ‘अंतर-राज्यीय नदी जल के बंटवारे से संबंधित मुद्दे, बैंक शाखाओं/डाक बैंकिंग सुविधाओं द्वारा गांवों का कवरेज, सामाजिक क्षेत्र की योजनाओं के लिए प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण का प्रभावी कार्यान्वयन, पंजाब विश्वविद्यालय से संबंधित मुद्दे, पीएमजीएसवाई के तहत सड़क कनेक्टिविटी, साइबर अपराधों की रोकथाम, जल जीवन मिशन, उड़ान योजना के तहत फिर से विमान सेवाएं शुरू करने जैसे मुद्दों पर चर्चा हुई। साथ ही, महिलाओं और बच्चों के खिलाफ यौन अपराध/बलात्कार के मामलों की त्वरित जांच, फास्ट ट्रैक स्पेशल योजना के कार्यान्वयन बलात्कार और POCSO अधिनियम के मामलों के शीघ्र निपटान के लिए न्यायालय (FTSCs), प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (PACS) को मजबूत करने औरकृषि भूमि की खरीद का कानूनआदि पर भी विचार-विमर्श हुआ।

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