Republic Day 2025: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू (Draupadi Murmu) ने ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ (One Nation One Election) योजना को ‘सुशासन की शर्तों को फिर से परिभाषित करने’ वाला सुधार बताते हुए कहा कि इस तरह के बड़े सुधारों के लिए दूरदृष्टि की आवश्यकता होती है।
गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर राष्ट्र को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शनिवार को कहा कि प्रस्तावित योजना ‘नीतिगत पक्षाघात को रोक सकती है’ और कई अन्य लाभों के अलावा वित्तीय बोझ को कम कर सकती है।
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विपक्ष के कड़े विरोध
उन्होंने अपने संबोधन में कहा, “इस तरह के बड़े सुधारों के लिए दूरदृष्टि की आवश्यकता होती है। सुशासन की शर्तों को फिर से परिभाषित करने का वादा करने वाला एक और उपाय देश में चुनाव कार्यक्रमों को एक साथ लाने के लिए संसद में पेश किया गया विधेयक है। ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ योजना शासन में निरंतरता को बढ़ावा दे सकती है, नीतिगत पक्षाघात को रोक सकती है, संसाधनों के दुरुपयोग को कम कर सकती है और कई अन्य लाभों के अलावा वित्तीय बोझ को कम कर सकती है।” नरेंद्र मोदी सरकार ने विपक्ष के कड़े विरोध के बीच पिछले महीने संसद में ‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ योजना से संबंधित विधेयक पेश किए थे। इस मामले पर आगे कोई कार्रवाई करने से पहले विधेयकों पर फिलहाल संयुक्त संसदीय समिति में चर्चा की जा रही है।
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‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ योजना क्या है?
‘एक राष्ट्र एक चुनाव’ योजना का उद्देश्य केंद्रीय संसदीय चुनावों को सभी राज्य विधानसभा चुनावों के साथ समन्वयित करना और उन्हें एक साथ आयोजित करना है। सरकार के अनुसार, इससे देश में चुनावों का निरंतर चक्र समाप्त हो जाएगा, जिससे शासन के लिए जिम्मेदार लोगों को सिर्फ़ उसी पर ध्यान केंद्रित करने में मदद मिलेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक साथ चुनाव कराने की आवश्यकता पर ज़ोर देते हुए कहा है कि लगातार चुनाव होने के कारण देश को काफ़ी लागत उठानी पड़ती है और व्यवधान भी होता है।
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