RSS: 17वीं सदी के मुगल बादशाह (Mughal emperor) औरंगजेब की कब्र को लेकर चल रहे विवाद (Aurangzeb’s tomb controversy) के बीच राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (Rashtriya Swayamsevak Sangh) (आरएसएस) के महासचिव दत्तात्रेय होसबोले (Dattatreya Hosabale) ने 23 मार्च (रविवार) को संगठन के रुख को मजबूती से व्यक्त करते हुए सवाल किया, “क्या हम किसी ऐसे व्यक्ति को प्रतीक बनाने जा रहे हैं जो भारत के मूल्यों के खिलाफ था?”
उन्होंने आगे कहा, “आक्रमणकारी मानसिकता वाले लोग भारत के लिए खतरा हैं।” राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा के समापन के दिन यहां संवाददाताओं को संबोधित करते हुए होसबोले ने कहा कि औरंगजेब को प्रतीक बनाया गया, न कि उनके भाई दारा शिकोह को, जो सामाजिक सद्भाव में विश्वास करते थे।
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गंगा-जमुनी संस्कृति की वकालत…
उन्होंने कहा, “अतीत में बहुत सी घटनाएं हुई हैं। दिल्ली में एक ‘औरंगजेब रोड’ थी, जिसका नाम बदलकर अब्दुल कलाम रोड कर दिया गया। इसके पीछे कुछ कारण थे। औरंगजेब के भाई दारा शिकोह को हीरो नहीं बनाया गया। गंगा-जमुनी संस्कृति की वकालत करने वालों ने कभी दारा शिकोह को आगे लाने के बारे में नहीं सोचा। क्या हम किसी ऐसे व्यक्ति को आइकॉन बनाने जा रहे हैं जो भारत की नैतिकता के खिलाफ था, या हम उन लोगों के साथ जाने जा रहे हैं जिन्होंने इस भूमि की परंपराओं के अनुसार काम किया?”
#WATCH | Bengaluru, Karnata | General Secretary of RSS, Dattatreya Hosabale, says, “… There have been a lot of incidents in the past. There was an ‘Aurangzeb Road’ in Delhi, which was renamed Abdul Kalam Road. There was some reason behind it. Aurangzeb’s brother, Dara Shikoh,… pic.twitter.com/hHAXzyCZGS
— ANI (@ANI) March 23, 2025
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‘आक्रमणकारी मानसिकता वाले लोग खतरा पैदा करते हैं’
होसबाले ने मुगल सम्राट अकबर के खिलाफ लड़ने के लिए राजपूत राजा महाराणा प्रताप जैसी हस्तियों की सराहना की। आरएसएस नेता ने दावा किया कि “आक्रमणकारी मानसिकता” वाले लोग भारत के लिए खतरा पैदा करते हैं। उन्होंने कहा, “अगर आजादी की लड़ाई अंग्रेजों के खिलाफ लड़ी जाती है, तो यह आजादी की लड़ाई है। उनसे (अंग्रेजों से) पहले जो लोग थे, उनके खिलाफ लड़ाई भी आजादी की लड़ाई थी। महाराणा प्रताप ने जो किया, वह आजादी की लड़ाई थी। अगर आक्रमणकारी मानसिकता वाले लोग हैं, तो वे देश के लिए खतरा हैं। हमें तय करना होगा कि हम अपने देश के लोकाचार के साथ किसे जोड़ना चाहते हैं। यह धर्म के बारे में नहीं है। यह आरएसएस का दृढ़ दृष्टिकोण है।”
वक्फ (संशोधन) विधेयक 2024 पर होसबोले ने कहा, “सरकार ने वक्फ के लिए एक आयोग बनाया है। हम देखेंगे कि वे क्या लेकर आते हैं। अब तक जो कुछ भी हुआ है वह सही दिशा में हुआ है… हम देखेंगे कि आगे क्या होता है।”
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भाजपा अध्यक्ष चुनाव पर आरएसएस
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के नेता अरुण कुमार ने शनिवार को कहा कि संघ और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के बीच कोई मतभेद नहीं है। नए भाजपा अध्यक्ष के चुनाव पर आरएसएस नेता ने कहा, “हमारी कोई भूमिका या हस्तक्षेप नहीं है, यह उनका काम है और वे इसे करेंगे। संघ के तहत 32 से अधिक संगठन काम कर रहे हैं। प्रत्येक संगठन स्वतंत्र है और उसकी अपनी निर्णय लेने की प्रक्रिया है। प्रत्येक संगठन की अपनी सदस्यता, चुनाव और स्थानीय, जिला और मंडल स्तर पर संरचना है और वे अपनी प्रक्रियाओं का पालन करते हैं।”
समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार, भाजपा ने अपने नए प्रमुख के चुनाव की प्रक्रिया में तेजी ला दी है। यह प्रक्रिया पहले जनवरी में पूरी होनी थी, लेकिन दिल्ली विधानसभा चुनाव और कई राज्य इकाइयों में लंबित चुनावों के कारण इसमें देरी हुई। भाजपा के संविधान के अनुसार, राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के लिए आवश्यक है कि कम से कम 50 प्रतिशत राज्य इकाइयाँ पहले से ही अपने-अपने अध्यक्षों का चुनाव कर चुकी हों। इसलिए, राज्य स्तर पर चुनाव प्रक्रिया में तेजी लाई जा रही है।
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