अब अलर्ट मोड पर पवार, बुलाई आपात बैठक

एपीआई सचिन वाझे मामले में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख शरद पवार अलर्ट मोड पर आ गए हैं। उन्होंने पार्टी के मंत्रियों की आपात बैठक बुलाई है।

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सहायक पुलिस निरीक्षक सचिन वाझे मामले में महाराष्ट्र महाविकास आघाड़ी की सरकार को डबल झटका लग रहा है। एक तरफ जहां इस मामले में पुलिस विभाग के साथ ही सरकार भी किरकिरी हो रही है, वहीं विपक्ष के आक्रमक रुख से भी उसकी मुश्किलें बढ़ रही हैं। इसे ध्यान में रखकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी प्रमुख और राजनीति के चाणक्य माने जाने वाले शरद पवार सक्रिय हो गए हैं। उन्होंने इस मामले में रणनीति तय करने के लिए 15 मार्च को पार्टी के मंत्रियों की आपात बैठक बुलाई है।

समीत ठक्कर के ट्वीट से खलबली
मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और पर्यटन मंत्री आदित्य ठाकरे पर आपत्तिजनक ट्वीट करने के मामले में गिरफ्तार समीत ठक्कर के सचिन वाझे को लेकर किए गए ट्वीट से सरकार के साथ ही मुंबई पुलिस विभाग में भी खलबली मच गई है। उसने अपने ट्वीट में लिखा है कि एनआईए से मिली जानकारी के अनुसार एपीआई सचिन वाझे के सीडीआर से ऐसा लगता है कि वह मनसुख हिरेने के साथ ही महाराष्ट्र के एक नेता के लगातार संपर्क में था। वाझे और उस नेता के बीच टेलीग्राम पर चैट भी हुई है। ठक्कर ने दावा किया है कि वो नेता वर्तमान में विधायक है। ठक्कर ने उसका नाम नहीं बताते हुए कहा है कि मैं नहीं चाहता कि मेरे खिलाफ एक और मामला दर्ज हो, इसलिए मैं उसका नाम नहीं बता सकता। एनआईए जांच कर रही है, उसे अपना काम करने देना चाहिए। मुझे जो जानकारी मिली है, उसे मैं शेयर कर रहा हूं।

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सामना में साधा केंद्र सरकार पर निशाना
महत्वपूर्ण बात यह है कि सचिन वाझे की गिरफ्तारी को लेकर शिवसेना के मुख पत्र सामना में केंद्र सरकार के खिलाफ टिप्पणी की गई है। सामना में लिखा गया है कि महाराष्ट्र में कुछ भी होता है तो केंद्र सरकार की तमाम एजेंसियां तेजी से सक्रिय हो जाती हैं। ऐसा लगता है कि ये केंद्र सरकार की नीति ही बन गई है। उसकी जांच में चूक होने पर कोई कुछ नहीं बोलता। मुकेश अंबानी के घर के बाहर स्कॉर्पियो में 20 जिलेटिन की छड़ों का बरामद होना और उसके बाद मनसुख हिरेन की मौत दोनों ही गंभीर मामला है। लेकिन इन मामलों की जांच मुंबई पुलिस ठीक से नहीं कर पाएगी, ये केंद्र सरकार कैसे और किस आधार पर तय कर सकती है? मुंबई हमला के आरोपी को फांसी की सजा दिलाने वाली मुंबई पुलिस ही है। 26/11 हमले के अजमल कसाब जैसे आतंकी को जान की बाजी लगाकर पकड़ने वाली मुंबई-महाराष्ट्र की ही पुलिस है।

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