Maharashtra Politics: संजय निरुपम के बयान से राजनीतिक गलियारों में हलचल, बोले- शिवसेना यूबीटी और मनसे… नकारा

संजय निरुपम ने कहा कि पिछले विधानसभा चुनावों में मनसे एक भी सीट नहीं जीत सकी। राजनीतिक रूप से यूबीटी और मनसे दोनों दिवालिया हैं। जब आप शून्य में शून्य जोड़ते हैं, तो परिणाम भी शून्य ही होता है।

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शिवसेना (Shivsena) के प्रवक्ता संजय निरुपम (Sanjay Nirupam) ने रविवार को कहा कि महाराष्ट्र (Maharashtra) ने शिवसेना (यूबीटी) (Shivsena (UBT)) और महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (Maharashtra Navnirman Sena) जैसी स्वार्थी पार्टियों को नकार दिया है। संजय निरुपम ने इन दोनों पार्टियों पर अपने निजी और राजनीतिक (Political) लाभ के लिए महाराष्ट्र के नाम का इस्तेमाल करने का भी आरोप लगाया है।

संजय निरुपम ने आज पत्रकार वार्ता को संबोधित करते हुए कहा कि शिवसेना यूबीटी और मनसे महाराष्ट्र के लिए खड़े होने का दिखावा करती हैं, लेकिन वास्तव में वे केवल सत्ता और स्वार्थ के पीछे भाग रही हैं। इसलिए दोनों पार्टियां राजनीतिक रूप से पूरी तरह से अप्रासंगिक हो गई हैं।

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राजनीतिक रूप से यूबीटी और मनसे दोनों दिवालिया हैं
निरुपम ने कहा कि शिवसेना यूबीटी शिवसेना के संस्थापक स्वर्गीय बालासाहेब ठाकरे की विचारधारा से बहुत दूर जा चुकी है। उद्धव ठाकरे ने कांग्रेस के साथ गठबंधन करके अपनी व्यक्तिगत महत्वाकांक्षा, पारिवारिक हितों और सत्ता की भूख को पूरा करने के लिए हिंदुत्व के सिद्धांतों का त्याग किया है। इस विश्वासघात की वजह से उन्हें लोगों का समर्थन खोना पड़ा है और अब वे हताश होकर मनसे प्रमुख राज ठाकरे की ओर रुख कर रहे हैं। संजय निरुपम ने कहा कि पिछले विधानसभा चुनावों में मनसे एक भी सीट नहीं जीत सकी। राजनीतिक रूप से यूबीटी और मनसे दोनों दिवालिया हैं। जब आप शून्य में शून्य जोड़ते हैं, तो परिणाम भी शून्य ही होता है।

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