शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे (उबाठा) गुट के नेता उद्धव ठाकरे को एक और विशेषाधिकार हनन का सामना करना पड़ सकता है। इस संदर्भ में शिवसेना गुट के प्रवक्ता ने विधानसभा अध्यक्ष के पास विशेषाधिकार हनन के प्रस्ताव से संबंधित पत्र दिया है। इसमें संजय राऊत पर विधानसभा अध्यक्ष के अवमान का मुद्दा उपस्थित किया गया है। इस प्रकरण के बाद अब चर्चा है कि, कल तक जो संजय राऊत के अपने थे, उनसे ही राऊत का राड़ा (विवाद) हो गया है।
संजय राऊत शिवसेना (उबाठा) के तेज तर्रार नेता हैं। वे अपने शब्द बाणों से खबरों को अपनी पार्टी के इर्दगिर्द ही घुमाते हैं। उनके द्वारा छोड़े गए आरोपों के तीर में कई बार भटकंती भी हो जाती है। ऐसा ही एक बयान संजय राऊत ने सोमवार को दिया था, जिसमें संजय राऊत ने 16 विधायकों की अपात्रता से संबंधित प्रकरण पर शीघ्र निर्णय लेने के लिए विधानसभा अध्यक्ष पर टिप्पणियां की थी। इसको लेकर शिवसेना प्रवक्ता संजय शिरसाट ने विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर के पास पत्र दिया है।
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क्या है संजय शिरसाट का मुद्दा?
विधानसभा अध्यक्ष किसी दल का नेतृत्व नहीं करते बल्कि, वे सभी दलों के लिए विधानसभा में पीठासीन अधिकारी के रूप में कार्य करते हैं। इसलिए उनपर निराधार आरोप करके सामान्यजनों में उनकी प्रतिमा मलिन करने का कार्य और विधानसभा की पवित्रता को धूमिल करने का कार्य संजय राऊत कर रहे हैं। विधानसभा अध्यक्ष पर लगाए जा रहे आरोप उन्हें धमकाने के लिए किये जा रहे हैं। संजय राऊत अध्यक्ष पद की मानहानि कर कर रहे हैं। संजय राऊत द्वारा विधानसभा अध्यक्ष के अधिकारों पर नियंत्रण लाने का कार्य किया जा रहा है, जो विशेषाधिकारों का हनन है।