राज्यसभा सदस्य संजय राऊत ने 30 नवंबर को हाईकोर्ट में हलफनामा दाखिल करके राज्य सरकार पर उनके विरुद्ध साजिश रचने का गंभीर आरोप लगाया है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने संजय राऊत को गोरेगांव पत्राचाल मामले में मिली जमानत को रद्द किए जाने के लिए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की है, इसकी सुनवाई हाईकोर्ट में 12 दिसंबर को होने वाली है। इसी सुनवाई से पहले संजय राऊत ने आज अपना पक्ष हाईकोर्ट के समक्ष हलफनामा के माध्यम से रखा है।
हलफनामा में है क्या?
संजय राउत ने हाईकोर्ट को दिए गए हलफनामा में कहा कि राज्य में सत्ता परिवर्तन के बाद राजनीतिक दुश्मनी के चलते उन्हें गिरफ्तार किया गया था। उनकी गिरफ्तारी के पीछे बदले की भावना ही मुख्य कारण है। संजय राऊत ने कहा कि गोरेगांव में पत्राचाल के पुनर्विकास का काम सभी राजनीतिक दलों के नेता चाहते थे। इसी वजह वह भी पत्राचाल के पुनर्विकास की बैठकों में शामिल होते थे। किसी भी पुनर्विकास योजना की बैठक में शामिल होना अपराध नहीं हो सकता है। इसी मामले में बिना उनका पक्ष जाने ईडी ने राजनीतिक दबाव की वजह से गिरफ्तार किया था।
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यह है मामला?
दरअसल, गोरेगांव में स्थित पत्राचाल पुनर्विकास में 1034 करोड़ रुपये के कथित घोटाला मामले में ईडी ने संजय राऊत को गिरफ्तार किया था। उन्हें मुंबई की विशेष पीएमएलए कोर्ट ने जमानत दी है। ईडी ने संजय राऊत को मिली जमानत को हाईकोर्ट में चुनौती दी है, इसकी सुनवाई 12 दिसंबर को होने वाली है।