शिवसेना प्रवक्ता संजय राऊत ने कहा कि महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने के हालात हैं। राज्य सरकार को लेकर जब तक मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है, तब तक यहां राष्ट्रपति शासन लगाया जाना चाहिए।
दो ही मंत्री ले रहे हैं निर्णय
राऊत ने 17 जुलाई को पत्रकारों से कहा कि राज्य में सिर्फ सत्ता के लिए नई सरकार का गठन गैरकानूनी तरीके से किया गया है। मामला कोर्ट में है, यह बात सर्वविदित है। इसी वजह से यह लोग मंत्रिपरिषद का विस्तार नहीं कर पा रहे हैं। संवैधानिक व्यवस्था के तहत विधानसभा सदस्यों की संख्या का 15 प्रतिशत अथवा कम से कम 12 विधायकों का मंत्रिपरिषद होना चाहिए, लेकिन राज्य में पिछले 15 दिनों से सिर्फ दो ही मंत्री निर्णय ले रहे हैं, जो असंवैधानिक है।
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राज्यापाल पर साधा निशाना
राज्यसभा सदस्य राऊत ने राज्यपाल भगतसिंह कोश्यारी पर यह सभी गैरकानूनी काम मूकदर्शक बनकर देखने का आरोप लगाया है। उन्होंने राज्यपाल पर तंज कसते हुए कहा कि राज्यपाल ने खिड़की-दरवाजे बंद कर लिए हैं ताकि बाहर की खबर उन तक नहीं पहुंच सके।