शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) पार्टी के नेता और राज्यसभा सदस्य संजय राऊत ने महाराष्ट्र-कर्नाटक सीमा विवाद पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को विशेष ध्यान देने की मांग की है। सांसद राऊत 29 नवंबर को यहां पत्रकारों से वार्ता कर रहे थे। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र-कर्नाटक के बीच की स्थिति मेघालय- असम जैसी नहीं है, लेकिन महाराष्ट्र-कर्नाटक विवाद के नाम पर दोनों राज्यों के बीच माहौल बिगाड़ने की साजिश रची जा रही है।
माहौल खराब होने का खतरा
संजय राऊत ने कहा कि हर जगह राजनीति ठीक नहीं है, जिस तरह कर्नाटक राज्य की कन्नड़ रक्षण वैदिके नामक संगठन ने महाराष्ट्र के गांवों में घुसकर अपना झंडा फहराया है, इससे माहौल खराब हो सकता है। दोनों राज्यों के बीच हालात खून खराबे तक जा सकते हैं। राऊत ने कहा कि संगठन का महाराष्ट्र के गांवों में अपना ध्वज फहराना कर्नाटक सरकार के सहयोग के बिना संभव नहीं है। संजय राऊत ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार में बैठे कुछ लोग कन्नड़ रक्षण बैदिका को समर्थन कर रहे हैं, इसी वजह से महाराष्ट्र के गांवों में कर्नाटक के झंडे फहराए जा रहे हैं, इस पर देशद्रोह का मामला दर्ज किया जाना चाहिए। लेकिन मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे सिर्फ कुर्सी बचाए रखने के लिए मजबूर हैं और मूकदर्शक बने हुए हैं। इस मुद्दे पर वे मुखर होकर बोल रहे हैं तो उन्हें 4 साल पहले के भाषण को भडक़ाऊ बताते हुए बेलगांव कोर्ट में पेश होने के लिए समन जारी किया गया है। राऊत ने कहा कि बेलगांव ने उन पर हमला किए जाने और उनकी गिरफ्तारी की साजिश रची गई है।
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राजनीतिक रंग देने का प्रयास
दरअसल, महाराष्ट्र -कर्नाटक सीमा विवाद को पिछले कुछ दिनों से राजनीतिक रंग देने के प्रयास हो रहे हैं। कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने महाराष्ट्र के कई गांवों पर दावा किया था, इसके बाद दोनों राज्य में बस सेवा तक स्थगित कर दी गई थी। इसी बीच कर्नाटक राज्य की कन्नड़ रक्षण वैदके ने सांगली जिले के जत तहसील के कुछ गांवों में आकर अपना झंडा भी फहराया है। इससे दोनों राज्यों में तनाव बढ़ने की आशंका बढ़ गई है।