महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ महाविकास आघाड़ी में मुख्य पार्टी शिवसेना तथा विपक्षी भाजपा एक बार फिर आमने-सामने हैं। 20 दिसंबर को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शिवसेना पर निशाना साधते हुए पुणे में मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को चुनौती देते हुए कहा था कि हिम्मत है तो मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दें और तीनों दल एक साथ आकर भाजपा के खिलाफ चनुाव लड़ें। शिवसेना सांसद संजय राउत ने 21 दिसंबर को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस चुनौती का जवाब दिया है।
शाह ने क्या कहा?
शाह ने कहा था,”यह तय हुआ था कि विधानसभा चुनाव के बाद देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री होंगे। लेकिन शिवसेना ने सत्ता के लिए अपना वादा तोड़ दिया। उन्होंने मुख्यमंत्री पद के लिए हिंदुत्व छोड़ दिया। शिवसेना उन लोगों की गोद में बैठ गई, जिनसे दो पीढि़यों से उनकी लड़ाई थी।” भारतीय जनता पार्टी की ओर से शहर के बूथ प्रमुखों की बैठक और गणेश कला क्रीड़ा रंगमंच में बूथ संपर्क अभियान का आयोजन किया गया था। उस दौरान शाह ने कार्यकर्ताओं का मार्गदर्शन करते हुए शिवसेना की आलोचना की।
सत्ता पर बैठने की लालच में शिवसेना ने महाराष्ट्र की जनता के साथ विश्वासघात किया।
इन्होने सत्ता के लिए अपनी विचारधारा के साथ समझौता कर लिया और दो पीढ़ी से ये जिनका विरोध करते थे, उनकी ही गोदी में जाकर बैठ गए। pic.twitter.com/BrmK7mKbs1
— Amit Shah (@AmitShah) December 19, 2021
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राउत ने दी शाह को चुनौती
राउत से पत्रकारों ने शाह के उस बयान का हवाला देते सवाल किया,जिसका जवाब देते हुए राउत ने कहा कि अगर आप में भी हिम्मत है तो 105 विधायकों को इस्तीफा दिलाकर दिखाओ। शिवसेना के समर्थन के बिना आपके 105 विधायक नहीं चुने जा सकते थे। राउत ने कहा, “हमारी चुनौती आपके 105 विधायकों को इस्तीफा देने और 105 को फिर से निर्वाचित कराने की है।”