प्रदर्शनकारी किसानों को सता रहा है अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलने का डर!… कही ये बात

आंदोलकारी किसानों ने प्रदर्शन स्थल पर किसी भी तरह के स्थाई निर्माण नहीं करने का ऐलान किया है।

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संयुक्त किसान मोर्चा ने ट्वीट कर बताया है कि 12 मार्च को पंजाब के 32 किसान संगठनों के नेताओं की बैठक में निर्णय लिया गया है कि प्रदर्शन के किसी भी स्थल पर स्थाई कमरा या किसी अन्य तरह के निर्माण नहीं किए जाएंगे। हालांकि उन्होंने गर्मी से बचने के लिए झोपड़े बनाने की बात कही है। समझा जा रहा है कि किसानों ने यह ऐलान सरकार और प्रशासनिक कार्रवाई से बचने के लिए किया है। उन्हें यह डर सता रहा है कि उनके इस तरह के अवैध निर्माण पर बुलडोजर फिराए जा सकते हैं।

टीकरी बॉर्डर पर पक्के कमरों का निर्माण
बता दें कि पिछले कुछ दिनों से गर्मी से बचने के लिए टीकरी बॉर्डर पर पक्के कमरों का निर्माण किया जा रहा है। इसके साथ ही उनमें कूलर और एसी भी लगाए जाने की बात कही जा रही है। इस हालत में संयुक्त किसान मोर्चे के स्थाई निर्माण नहीं करने वाले बयान में कितना दम है, इस बारे में तो किसान संगठन ही बता सकते हैं।

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गर्मी पड़ेगी भारी
बता दें कि प्रदर्शन के दौरान किसान नेता लस्सी से लेकर काजू-बादाम और तमाम तरह के लजीज पकवान खाते नजर आते रहे हैं। ऐसे में गर्मी में प्रदर्शन स्थल पर बिना एसी और कूलर के टेंट में रहना इनके लिए भारी पड़ सकता है, क्योंकि भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने सरकार को अक्टूबर तक कृषि कानूनों को रद्द करने का अल्टीमेटम दिया है।

किस पार्टी लिए करेंगे चुनाव प्रचार?
फिलहाल किसान नेताओं ने पश्चिम बंगाल के साथ ही केरल का भी रुख कर भारतीय जनता पार्टी को सबक सिखाने का ऐलान किया है। लेकिन विपक्ष की किस पार्टी के समर्थन में ये चुनाव प्रचार करेंगे, ये तय करना इनके लिए काफी जोखिभरा है। क्योंकि एक पार्टी के समर्थन में चुनाव प्रचार करने पर दूसरी पार्टियां नाराज होकर इनका साथ छोड़ सकती हैं।

केंद्र सरकार व्यस्त है
फिलहाल केंद्र सरकार भी पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में उलझी हुई है और इन किसानों को कम से कम चुनाव खत्म होने तक भाव देने के मूड में नहीं दिख रही है।अब देखना होगा, कि पंजाब-हरियाणा के किसानों के इस आंदोलन का कितना असर पश्चिम बंगाल, असम,तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी के विधानसभा चुनाव पर पड़ता है।

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किसानों ने किया है भारत बंद का ऐलान
फिलहाल संयुक्त किसान मोर्चा ने आंदोलन को धार देने के लिए 26 मार्च को भारत बंद का ऐलान किया है। किसान नेताओं ने कहा है कि पिछली बार की बंदी तो मात्र तीन घंटे की थी, इस बार पूरे दिन भर की होगी। इस आंदोलन को लेकर प्रदर्शन में शामिल किसान संगठनों का दावा है कि एक भी वाहन सड़क पर नहीं आने दिया जाएगा। यहां कि किसानों को ट्रैक्टर भी नहीं चलाने दिया जाएगा। 26 मार्च को बंद के बाद इन्होंने 28 मार्च को होलिका दहन में पूरे भारत में तीनों कृषि कानून की प्रतियां जलाने का भी ऐलान किया है।

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