Excise policy scam case: दिल्ली के राऊज एवेन्यू कोर्ट ने 9 जुलाई को दिल्ली आबकारी नीति घोटाला मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले के आरोपित और दिल्ली सरकार के पूर्व मंत्री सत्येंद्र जैन को अपनी बीमार पत्नी की देखभाल के लिए दायर अंतरिम जमानत याचिका को खारिज कर दिया है। स्पेशल जज राकेश स्याल ने अंतरिम जमानत याचिका खारिज करने का आदेश दिया।
सत्येंद्र जैन ने अपनी बीमार पत्नी की देखभाल के लिए चार हफ्ते की अंतरिम जमानत पर रिहा करने की मांग की थी। कोर्ट ने सत्येंद्र जैन और दूसरे आरोपितों के खिलाफ आरोप तय करने के मामले पर 18 जुलाई को सुनवाई करने का आदेश दिया। सुप्रीम कोर्ट ने 26 मई 2023 को सत्येंद्र जैन को अपनी सर्जरी के लिए अंतरिम जमानत दी थी।
सत्येंद्र जैन ने किया था सरेंडर
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 18 मार्च को सत्येंद्र जैन की नियमित जमानत याचिका खारिज कर दी थी। नियमित जमानत खारिज होने के बाद सत्येंद्र जैन ने सरेंडर कर दिया था। बाद में सत्येंद्र जैन ईडी के मुताबिक सत्येंद्र जैन नकदी को सफेद धन में बदलना चाहते थे। ईडी के मुताबिक सत्येंद्र जैन के सीए जेपी मोहता ने जैन को बताया था कि उनका कलकत्ता में कुछ कनेक्शन है और वहां से निवेश किया जाएगा और कुछ ब्याज दिया जाएगा। यह सभी शेल कंपनियां हैं।
इन्हें भी बनाया गया है आरोपी
जैन पर आरोप है कि उन्होंने 2009-10 और 2010-11 में फर्जी कंपनियां बनाई। इन कंपनियों में अकिंचन डेवलपर्स प्राइवेट लिमिटेड, इंडो मेटल इम्पेक्स प्राइवेट लिमिटेड, प्रयास इंफो सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, मंगलायतन प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड शामिल हैं। इस मामले में ईडी ने सत्येंद्र जैन के अलावा जिन्हें आरोपी बनाया है, उनमें उनकी पत्नी पूनम जैन, अजीत प्रसाद जैन, सुनील कुमार जैन, वैभव जैन, अंकुश जैन, मेसर्स अकिंचन डेवलपर्स प्राईवेट लिमिटेड, मेसर्स प्रयास इंफो सॉल्यूशंस प्राइवेट लिमिटेड, मंगलायतन प्रोजेक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड और जेजे आइडियल इस्टेट प्राइवेट लिमिटेड को आरोपित बनाया गया है। ईडी ने सत्येंद्र जैन को 30 मई 2022 में गिरफ्तार किया था।