समान नागरी कानून की मांग को लेकर लंबे काल से मांग उठती रही है। इसको लेकर सर्वोच्च न्यायालय में कई याचिकाएं लंबित हैं। इस बीच देश की आर्थिक राजधानी वाले महाराष्ट्र में समान नागरी कानून लागू करने की मांग भारतीय जनता पार्टी के विधायक अतुल भातखलकर ने उठाई है।
मुंबई के कांदिवली विधान सभा सीट से विधायक अतुल भातखलकर ने कहा है कि, सर्वोच्च न्यायालय ने सोमवार को कहा है कि, समान नागरी कानून को लेकर विचार करने का अधिकार राज्यों को है। इसलिए मैं, राज्य के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री व गृहमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मांग करता हूं कि, समान नागरी कानून लागू करने के लिए तत्काल एक समिति का गठन करें। समान नागरी कानून के लागू होने से देश में सच्चे अर्थों में स्त्री पुरुष समानता आएगी।
समान नागरी कायदा करण्याचे अधिकार राज्याला असल्याचे सर्वोच्च न्यायालयाने स्पष्ट केले आहे.
महाराष्ट्रात हा कायदा लागू व्हावा. माझी मा.मुख्यमंत्री @mieknathshinde आणि उपमुख्यमंत्री @Dev_Fadnavis यांच्याकडे या कायद्यासाठी समिती स्थापन करण्याची मागणी. pic.twitter.com/yizSpZ3wx2— Atul Bhatkhalkar (@BhatkhalkarA) January 10, 2023
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सर्वोच्च न्यायालय ने क्या कहा?
सर्वोच्च न्यायालय में उत्तराखण्ड और गुजरात द्वारा समान नागरी कानून लागू करने के लिए बनाई गई समिति को चुनौती देने के लिए एक जनहित याचिका दायर की गई थी। इसको लेकर मुख्य न्यायाधीश डी.वाई चंद्रचूड़ और न्यायाधीश पी.एस नरसिम्हा ने कहा कि, अनूप बंसल द्वारा दायर की गई याचिका के माध्यम से राज्यों द्वारा नियुक्त की गई समितियों को चुनौती नहीं दी जा सकती।
गुजरात और उत्तराखण्ड द्वारा समान नागरी कानून लागू करने के लिए समितियों का गठन किया गया है। अनुच्छेद 162 कहता है कि राज्यों के पास विधायिका के अधिकार हैं। इसके अनुसार समिति के गठन को चुनौती नहीं दी जा सकती। संविधान के अनुच्छेद 162 के अंतर्गत राज्यों द्वारा समिति का गठन करना कोई गलत नहीं है।
देश को दो राज्यों ने की पहल
- अक्टूबर 2022 में गुजरात के गृहमंत्री हर्ष संघवी ने कहा था कि, समान नागरी कानून लागू करने की मांग को देखते हुए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में राज्य ने इसे लागू करने की दिशा में निर्णय किया है। गुजरात में इस संदर्भ में समिति का गठन किया गया है।
- मई 2022 में उत्तराखण्ड सरकार ने पांच सदस्यीय एक समिति का गठन किया था। जिसकी अध्यक्षता सर्वोच्च न्यायालय की पूर्व न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई कर रही हैं।