पिछले दो दिनों में शिंदे सरकार ने महाविकास आघाड़ी के महत्वपूर्ण नेताओं की सुरक्षा में कटौती की है और कुछ की सुरक्षा पूरी तरह हटा ली है। इसके साथ ही सरकार ने शिंदे गुट के नेताओं की सुरक्षा बढ़ा दी है। शिंदे गुट के 10 सांसदों और 41 विधायकों को राज्य सरकार ने वाई प्लस सुरक्षा दी है। समझा जा रहा है कि इस पर नया विवाद छिड़ सकता है।
राज्य में सत्ता हस्तांतरण के बाद शिंदे गुट की शाखा, विधायकों और उनके घरों पर हमले की घटनाएं हुईं। उसके बाद सभी विधायकों को सीआरपी जवानों की सुरक्षा उपलब्ध कराई गई है। लेकिन अब चूंकि यह सुरक्षा कम कर दी गई है, इसलिए इन विधायकों को वाई प्लस सुरक्षा प्रदान की गई है। इस बीच राज्य की स्थिति को देखते हुए इन विधायकों को सुरक्षा उपलब्ध कराना जरूरी है। इसलिए इन जनप्रतिनिधियों को वाई प्लस सुरक्षा दी गई है।
हटाई गई इन नेताओं की सुरक्षा
सतेज पाटील, बालासाहेब थोरात, नाना पटोले, छगन भुजबल, जयंत पाटील, धनंजय मुंडे, विजय वडेट्टीवार, भास्कर जाधव, अनिल परब और नरहरि जिरवाल की सुरक्षा हटा दी गई है।
इन नेताओं की सुरक्षा बरकरार
मिलिंद नार्वेकर, अशोक चव्हाण, जितेंद्र अवध, अमित देशमुख, विश्वजीत कदम, वर्षा गायकवाड़, यशोमति ठाकुर और केसी पड़वी की सुरक्षा बरकरार रखी गई है।