केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण और रसायन एवं उर्वरक मंत्री डॉ मनसुख मांडविया ने गुरुवार को गांधीनगर में जी-20 स्वास्थ्य मंत्रियों की बैठक से इतर भारत की प्रथम चिकित्सा प्रौद्योगिकी प्रदर्शनी ‘इंडिया मेडटेक एक्सपो 2023’ का उद्घाटन किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि भारत “विश्व की फार्मेसी” के रूप में मान्यता प्राप्त कर चुका है, अब समय आ गया है कि भारत चिकित्सा उपकरण क्षेत्र में अगुआ तथा किफायती, नवोन्मेयषी और गुणवत्तापूर्ण चिकित्सा उपकरणों के निर्माण में अग्रणी बने।
डॉ मांडविया ने कहा, ’मेडटेक एक्सपो भारतीय चिकित्सा उपकरण इकोसिस्टम की ताकत और क्षमता को प्रदर्शित करने का एक अनूठा, सर्वव्यापी मंच सिद्ध होगा।” उन्होंने इस बात को भी रेखांकित किया कि भारत उभरते बाजारों में से सबसे तेजी से बढ़ने वाला चिकित्सा उपकरण बाजार है। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमारा लक्ष्य चिकित्सा उपकरण क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनना और अपनी आयात निर्भरता में कमी लाना है, जो आत्मनिर्भर भारत और “मेक इन इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड” के हमारे विज़न से पूरी तरह से मेल खाता है। चिकित्सा उपकरणों के विनिर्माण के लिए स्वचालित मार्ग के तहत 100 प्रतिशत तक एफडीआई की अनुमति है।
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि 3,420 करोड़ रुपये के कुल वित्तीय परिव्यय के साथ चिकित्सा उपकरणों के घरेलू विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए चिकित्सा उपकरणों के चार लक्षित खंडों हेतु उत्पादन लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई) योजना शुरू की गई थी। उन्होंने कहा, “विनिर्माण को बढ़ावा देने और नवाचार, अनुसंधान और उत्पाद विकास को प्रोत्साहन देने हेतु सामान्य बुनियादी सुविधाओं के निर्माण के लिए हम 400 करोड़ रुपये के कुल वित्तीय परिव्यय के साथ “चिकित्सा उपकरण पार्क प्रोत्साहन” योजना भी लेकर आए हैं।” उन्होंने बताया कि योजना के तहत उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, मध्य प्रदेश और हिमाचल प्रदेश सहित प्रत्येक राज्य को 100 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता के लिए अंतिम मंजूरी दी गई है।
डॉ मांडविया ने कहा कि भारत के चिकित्सा उपकरण क्षेत्र में स्टार्ट-अप इकोसिस्टम विविध और ऊर्जावान है, जिसमें 250 से अधिक संगठन स्वास्थ्य के महत्वपूर्ण मुद्दों के समाधान के लिए नवाचारों में लगे हुए हैं। “कोविड-19 के 2-3 महीनों के भीतर, दुनिया भारत द्वारा अन्य देशों को चिकित्सा निदान किट्स, वेंटिलेटर, रैपिड एंटीजन टेस्ट किट, आरटी-/पीसीआर किट, आईआर थर्मामीटर, पीपीई किट और एन-95 मास्क बहुत तेज गति से उपलब्ध कराने की दिशा में किए गए प्रयासों और सहायता की साक्षी बनी और उन्हें मान्यता दी।” केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि सरकार बेहतर बुनियादी ढांचे के निर्माण में भारी निवेश कर रही है, जिससे स्मार्ट तकनीक और उन्नत चिकित्सा उपकरणों की मांग बढ़ेगी।
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