महाराष्ट्र में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी में चाचा-भतीजे में शह मात का खेल जारी है। अब शरद पवार ने एक नई चाल चलते हुए अजीत पवार गुट को परेशानी में डालने की कोशिश की है।
दरअस्ल जिस दिन सर्वोच्च न्यायालय ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे का समर्थन करने वाले शिवसेना विधायकों के खिलाफ अयोग्यता की कार्यवाही के संबंध में महाराष्ट्र विधानसभा अध्यक्ष राहुल नार्वेकर से दो सप्ताह के भीतर जवाब मांगा, शरद पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी ने अजीत पवार को समर्थन करने वाले 12 एनसीपी विधायकों को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया।
5 जुलाई की बैठक में उपस्थित नहीं होने को लेकर मांगा जवाब
नोटिस में विधायकों से 5 जुलाई को शरद पवार द्वारा बुलाई गई बैठक से उनकी अनुपस्थिति के संबंध में जवाब मांगा गया है। बता दें कि ये विधायक शरद पवार की बैठक में न शामिल होकर अजीत पवार द्वारा आयोजित बैठक में उपस्थित थे।
इन 12 विधायकों को भेजा नोटिस
शरद पवार गुट के सूत्रों के अनुसार इन 12 विधायकों की पार्टी विरोधी गतिविधियों को लेकर स्पीकर राहुल नार्वेकर को भी पत्र भेजा जाएगा। जिन विधायकों को नोटिस भेजा गया है, उनके नाम हैं- सुनील शेल्के, दिलीप बनकर, नितिन पवार, दीपक चव्हाण, इंद्रनील नाइक, यशवंत माने, शेखर निकम, राजू कारेमोरे, मनोहर चंद्रिकापुरे, संग्राम जगताप, राजेश पाटिल और माणिकराव कोकाटे। बता दें कि एनसीपी पहले ही 2 जुलाई को शपथ लेने वाले नौ मंत्रियों को अयोग्यता नोटिस दे चुकी है, जिनमें डिप्टी सीएम अजीत पवार भी शामिल हैं।
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मुख्यमंत्री शिंदे पर कसा तंज
इस बीच, शरद पवार गुट के राकांपा ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे पर तंज कसा कि वे अपने पद पर बने रहने का नैतिक अधिकार खो चुके हैं। एनसीपी के मुख्य प्रवक्ता महेश तापसे ने कहा, “एकनाथ शिंदे और उनके विधायकों ने यह आरोप लगाते हुए एमवीए सरकार छोड़ दी थी कि तत्कालीन वित्त मंत्री अजीत पवार उन्हें धन नहीं दे रहे थे। अब वही अजीत पवार उस सरकार में वित्त मंत्री बन गए हैं,जिसमें एकनाथ शिंदे मुख्यमंत्री हैं। इसलिए शिंदे ने इस सरकार को चलाने का नैतिक अधिकार खो दिया है।”