राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के अध्यक्ष शरद पवार 21 फरवरी को भीमा-कोरेगांव आयोग के समक्ष पेश हुए और एक घंटे तक अपना बयान दर्ज करवाया। शरद पवार की ओर से दर्ज बयान का ब्योरा नहीं मिल सका है।
भीमा-कोरेगांव आयोग ने शरद पवार भीमा-कोरेगांव में हुई हिंसा मामले में बयान दर्ज करवाने के लिए 22 व 23 फरवरी को उपस्थित रहने के लिए नोटिस जारी किया था। शरद पवार एक दिन पहले ही आयोग के समक्ष उपस्थित हुए। शरद ने आयोग से कहा कि वे 22 व 23 को उपस्थित नहीं रह सकेंगे। इसके बाद फिर वे आयोग के समक्ष उपस्थित रहेंगे।
जातीय हिंसा में हुई थी एक मौत
पुणे के भीमा कोरेगांव में 1 जनवरी 2018 को हुई जातीय हिंसा में एक व्यक्ति की मौत हो गई थी। इस घटना की जांच के लिए तत्कालीन सरकार ने रिटायर्ड जज जेएन पटेल व महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यसचिव सुमीत मलिक की अध्यक्षता में भीमा कोरेगांव का गठन किया था। यह आयोग तत्कालीन पुलिस अधिकारियों का भी बयान दर्ज करने वाला है।